हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस की आखिरी उम्मीद खत्म हो गई है। दरअसल, एमपी हाईकोर्ट ने मोती सिंह पटेल की याचिका खारिज कर दी है। मोती सिंह ने खुद को कांग्रेस का लोकसभा प्रत्याशी घोषित करने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। HC ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिटीशन का रिव्यू करने के बाद निरस्त कर दिया है।

दरअसल, इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय बम बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे और अपना नाम वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसे लेकर कांग्रेस ने डमी प्रत्याशी को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली।

इंदौर प्रत्याशी की याचिका पर फैसला सुरक्षितः खुद को कांग्रेस प्रत्याशी बनाने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका

कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाने का दावा करने वाले मोती सिंह पटेल ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने खुद को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है। याचिका की सुनवाई पर सब्स्टीट्यूट फॉर्म को लेकर बहस चली। जिसमें 10 प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने से मोती सिंह पटेल का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया।

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याचिकाकर्ता के वकील ने एक्ट 13 और 13ए के तहत मुख्य प्रत्याशी द्वारा फॉर्म वापस लेने के बाद सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट को चुनाव लड़ने का अधिकार बताया है। हालांकि इस पूरे मामले में इलेक्शन कमीशन की तरफ से एडवोकेट ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सब्स्टीट्यूट द्वारा भरे गए फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने से उनका फॉर्म पहले ही रिजेक्ट कर दिया गया था। जिसके कारण वह अब सब्स्टीट्यूट के रूप में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

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