कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील सराफ का बड़ा बयान सामने आया है। रामनिवास रावत सहित अन्य कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने तीखा जुबानी हमला किया है। उन्होंने कहा कि जब तक इन जैसे 50 से ज्यादा उम्र के नेता कुंडली मारकर पार्टी में बैठे रहेंगे, तब तक युवा राजनीति में कैसे आएंगे। सुनील सराफ ने पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं को सलाह दी है कि वह बीजेपी के नेता खासकर शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव से सीखे जो पार्टी के साथ आज भी खड़े हैं।

पूर्व विधायक सुनील का कहना है कि हकीकत यह है कि जब तक पतझड़ में पत्ते नहीं झड़ेंगे, तो नई उपले कहां से आएंगी। नई पत्तों को खिलना ही चाहिए। बहुत सारे युवा हैं, जो राजनीति की तरफ आना चाहते हैं। उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। आज कांग्रेस पार्टी में 50 साल से ज्यादा उम्र नेता कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। युवाओं को आगे आने नहीं देते हैं। इन नेताओं को टिकट चाहिए, मंत्री पद चाहिए, सब कुछ इन नेताओं को ही चाहिए।

पूर्व विधायक ने कहा कि जब ये लोग जाएंगे, तभी तो नई ऊर्जा यानी युवा आगे आएगे। उनका यह भी कहना है कि जब ये लोग पार्टी छोड़ देते हैं तो बड़े गंभीर आरोप लगाने लगते हैं। हकीकत यह है कि जो भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में जा रहा है या कहे दलबदलू है वह कभी बड़ा चेहरा नहीं हो सकता है। उसका कद बहुत छोटा हो गया है, इसलिए वह बीजेपी में जा रहै हैं। कांग्रेस कभी दलबदल का काम नहीं करती है, हम लोग सेवा करने का काम करते हैं।

सुनील सराफ ने यह भी कहा कि बीजेपी ज्वाॅइन करने के पहले तक रामनिवास रावत कोई गंभीर आरोप नहीं लग रहे थे, जब पार्टी ने उन्हें 6 बार टिकट दिया, विधायक बनाया। तब कोई उनके आरोप नहीं थे। पार्टी ने उन्हें कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया माथे पर बिठाकर रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा में स्थिति यह है कि शिवराज सिंह चौहान हो या वरिष्ठ मंत्रियों को भी मक्खी की तरह दूध से निकालकर फेंक दिया। फिर भी वह पार्टी की सेवा कर रहे हैं। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि रामनिवास रावत जैसे लोगों को शिवराज और अन्य लोगों से सीखना चाहिए।

पूर्व विधायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया। आज पार्टी का थोड़ा समय खराब आया तो उन्होंने अपना पाला बदल दिया। अब वह शिवराज सिंह के करीब आकर सीखेंगे या उनका क्या हश्र होगा यह उन्हें पता चल जाएगा। जो नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, उनकी क्या दुर्दशा है। फिर भी वह चले गए। रामनिवास रावत के दिग्विजय सिंह को लेकर लगाए आरोप पर उन्होंने कहा कि जब वह चुनाव हारे तब उनके मुंह में क्या दही जमा था, जब लोकसभा चुनाव का टिकट मांग रहे थे तब उनके मुंह में दही जमा था।

सुनील सराफ ने आगे कहा कि दिग्विजय सिंह पर लगाए गए आरोप सालासर गलत है। उन्हें शर्म आनी चाहिए कि दिग्विजय सिंह इस विपरीत समय में भी पार्टी के साथ हैं। एक-एक कार्यकर्ता को उनके नाम से जानते हैं, अब रामनिवास रावत बीजेपी में चले गए हैं और ऐसे माहौल में जब तक बुराई नहीं करेंगे तो वहां पर चमचियाई कैसे करेंगे। बुराई करके ही थोड़ी जगह बनाने की कोशिश कर पाएंगे।

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