आजकल बहुत से लोग मोटापे का शिकार हैं और जल्दी से वजन कम करना चाहते हैं. आपको समझना चाहिए कि वजन कम करना कोई आसान काम नहीं है. वजन कम करने के लिए जिम में घंटों पसीना बहाना और तमाम तरह के महंगे डाइट प्लान फॉलो करना हर किसी के बस की बात नहीं है. आजकल सब लोग आसान रास्ता चाहते हैं. अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, तो कुछ वजन कम करने के नैचुरल उपाय भी हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं. आप पेट की चर्बी कम करने के प्राकृतिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं तो आइए आज हम आपको कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताते हैं, जो मेटाबॉलिज्म में सुधार करके पेट की चर्बी को जलाने में मदद कर सकती हैं.

अदरक

पेट की अतिरिक्त चर्बी को दूर करने के लिए डाइट में अदरक को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें मौजूद थर्मोजेनिक गुण पाचन क्रिया को मजबूत करने के साथ-साथ वसा को कम करने का काम भी करता है. इसके अतिरिक्त यह गुण मेटाबॉलिज्म की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को कम करने में काफी मदद मिलती है.

दालचीनी

ग्रीन टी में एक चुटकी दालचीनी मिलाने से शरीर को न सिर्फ भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट्स मिल सकते हैं, बल्कि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी सहायक है. एक अध्ययन के अनुसार, दालचीनी में मौजूद सिनामाल्डिहाइड नामक एक आवश्यक तेल वसा जलाने में मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त दोपहर के भोजन के बाद इलायची वाली चाय पीने से भी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिल सकता है. यह पाचन में भी सुधार करती है.

गुग्गुल

कॉमिफोरा मुकुल पेड़ की राल से मिलता है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में काफी लंबे समय से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने वाले प्रभावों के लिए किया जाता आ रहा है. गुग्गुल वसा को जलाने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं.

रोजमेरी

रोजमेरी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं. ये वसा ऑक्सीकरण को बढ़ाकर ब्लड शुगर के स्तर और पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी मदद कर सकते हैं. इसी के साथ रोजमेरी में एंटी-वायरल गुण भी शामिल होते हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं.यह जड़ी-बूटी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में भी सहायक है, इसलिए इसे अपने खाने का हिस्सा जरूर बनाएं.

सिंहपर्णी

सिंहपर्णी पीले रंग के फूल वाला पौधा है, जिसे अंग्रेजी में डैंडेलियन और लायंस टूथ के नाम से जाना जाता है. कई शोध के मुताबिक, सिंहपर्णी में एंटी-डायबिटीज, एंटी-ओबेसिटी, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं. सिंहपर्णी की पत्तियां खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और पेटी की अतिरिक्त चर्बी को दूर करने में प्रभावी होती हैं. इसके अलावा ये इंसुलिन संवेदनशीलता और इंसुलिन स्राव को भी बढ़ाता है और पाचन में सुधार करती हैं.