लुधियाना. जैसे-जैसे थर्मामीटर पर पारे का स्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे सूबे में बिजली डिमांड बढ़ती जा रही है. 3 दिन से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सैल्सियस के आसपास है, जिसकी वजह से सूबे में अचानक बिजली की डिमांड में भारी बढ़ौतरी होने लगी है.

थर्मामीटर पर पारा 40 डिग्री सैल्सियस तक पहुंचा, तो बिजली डिमांड भी इस साल में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. बिजली की डिमांड में करीब 1500 मैगावाट की बढ़ौतरी हुई और डिमांड 8500 मैगावाट तक पहुंच गई. डिमांड पूरी करने के लिए पीएसपीसीएल को केंद्रीय पूल से 3500 मैगावाट से ज्यादा बिजली खरीदनी पड़ी. अब अगर तापमान इसी तरह उच्चतम स्तर पर चलता रहा तो आने वाले दिनों में लोगों को पावर कट से जूझना पड़ सकता है.

सोमवार को पंजाब में बिजली का कुल उत्पादन 5000 मैगावाट के आसपास रहा जबकि डिमांड 8500 मैगावाट से ज्यादा भी पहुंच गई थी. सोमवार को बिजली उत्पादन के लिए तीनों सरकारी थर्मल प्लांटों को 50 फीसदी क्षमता के साथ चलाया गया. रोपड़ थर्मल प्लांट के 4 यूनिटों में से 2, लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के 4 में से 2 और गोइंदवाल के 2 यूनिटों में से 1 यूनिट से बिजली उत्पादित की गई.


वहीं, दूसरी तरफ निजी थर्मल प्लांटों को पूरी क्षमता के साथ चलाया गया. राजपुरा थर्मल प्लांट की अधिकतम बिजली उत्पादन की क्षमता 1400 मैगावाट है, जबकि सोमवार को इससे 1326 मैगावाट बिजली पैदा की गई. इसी तरह तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 1980 मैगावाट है और यहां से 1817 मैगावाट के करीब बिजली उत्पादित की गई.