खंडवा। Lok Sabha Election 2024 Phase 4: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे और अंतिम चरण की 8 सीटों पर मतदान जार है। आज प्रदेश की खंडवा सीट पर सुबह सात बजे से मतदान जारी है। खंडवा सीट बीजेपी का अभेद किला है जिसे भेदना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। यहां 8 में से 7 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। बीजेपी ने इस चुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल पर अपना भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने नरेंद्र पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। जानिए इस सीट के क्या हैं समीकरण।
खंडवा से बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी ने किया मतदान
खंडवा लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने अपने गृह क्षेत्र सनावद में मतदान किया। वहीं खंडवा से सांसद एवं बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने मतदान से पहले भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचे। ज्ञानेश्वर पाटिल बुरहानपुर के शिव मंदिर में पूजा करने पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने मतदान किया।
बीजेपी का गढ़ खंडवा लोकसभा
खंडवा लोकसभा कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन पिछले 10 चुनाव से बीजेपी ने इस सीट पर अपना दबदबा बना लिया है। यहां अब तक 20 बार चुनाव हुए, जिसमें 9 बीजेपी को जीत मिली सबसे ज्यादा बार यहां सांसद रहना का रिकॉर्ड बीजेपी नंदकुमार सिंह चौहान के नाम है। वो इस सीट से 7 बार लोकसभा का चुनाव लड़े। जिसमें से सिर्फ एक बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 6 बार वो यहां सांसद चुने गए। मध्यप्रदेश भाजपा के पितृ पुरुष माने जाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे भी खंडवा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. 1979 के लोकसभा उपचुनावों में जनसंघ के टिकट पर ठाकरे ने जीत हासिल की थी।
खंडवा की 8 में से 7 विधानसभा पर BJP का कब्जा
खंडवा लोकसभा में आठ विधानसभा आती है। जहां करीब 20 लाख वोटरों वाला खंडवा संसदीय क्षेत्र चार जिलों की सीमाओं को समेटे हुए हैं। जिसमें बीजेपी का प्रभुत्व बना हुआ है। खंडवा संसदीय क्षेत्र में खंडवा जिले से खंडवा, पंधाना और मांधाता विधानसभाएं आती हैं। जहां बीजेपी का कब्जा बना हुआ है। इधर इसी लोकसभा क्षेत्र के देवास जिले की बागली विधानसभा में भी भाजपा ही कब्जा है। इसके साथ ही बुरहानपुर जिले की नेपानगर और बुरहानपुर विधानसभा में भी भाजपा का ही कब्जा है। खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा में भी बीजेपी का कब्जा है। वहीं खरगोन जिले के भीकनगांव विधानसभा लगातार कांग्रेस का गढ़ रही है, जिसमें अभी भी कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी का कब्जा है।
खंडवा संसदीय क्षेत्र के जातिगत समीकरणों में से यहां की चार विधानसभा सीट बागली, पंधाना, नेपानगर और भीकनगांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं तो वहीं शेष चार विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः गुर्जर, राजपूत, मुस्लिम और ब्राह्मण जातियों का दबदबा रहा है।
खंडवा से 14 बार बुरहानपुर और 3 बार खरगोन को मिला प्रतिनिधित्व
इस लोकसभा सीट की खास बात यह है कि खंडवा संसदीय क्षेत्र में आने वाली चार जिलों की सीमाओं के बावजूद यहां से भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा का प्रतिनिधित्व बुरहानपुर और खरगोन जिले से आने वाले प्रत्याशियों को मिलता रहा है। इस सीट पर होने जा रहे 2024 के लोकसभा चुनाव में से 14 बार बीजेपी ने बुरहानपुर से आने वाले प्रत्याशियों को प्राथमिकता दी है। वहीं कांग्रेस ने तीन बार खरगोन से आने वाले प्रत्याशी अरुण यादव को प्राथमिकता दी है। खंडवा से प्रतिनिधित्व करने वाले नेता की संख्या काफी कम ही रही है।
82 हजार वोटों से उपचुनाव हारी थी कांग्रेस
खंडवा लोकसभा सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता और लगातार छह बार के बीजेपी के संसदीय प्रत्याशी नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी। जिस पर 2021 में हुए उपचुनाव में मौजूदा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राजनारायण सिंह को करीब 82000 से अधिक वोटों से हराया था। जिसके बाद एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के केंद्रीय संगठन ने ज्ञानेश्वर पाटिल पर ही दोबारा भरोसा जताया है।
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