Agriculture Tips : बेमौसम बारिश के साथ आम के पेड़ पर रोग एवं कीट लगने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं, क्योंकि रोग लगने पर आम की फसल की पैदावार प्रभावित होती है। वहीं किसानों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
वर्तमान समय में आम का सीजन चल रहा है। पेड़ों पर फल लगे हुए हैं, लेकिन इसमें लाल धारीदार फल बेधक (रेड बैंडेड कैटरपिलर) फ्रूट फ्लाई का खतरा ज्यादा रहता है। इससे बचाव के लिए किसान समय-समय पर दवा का छिड़काव करते हैं।
जानिए कीड़ों से बचाने का उपाय
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार यह ऐसे कीड़े होते हैं, जो आम के फल के निचले हिस्से में छेद करता है। धीरे-धीरे इसका प्रकोप बढ़ने से फल सड़कर अपने आप नीचे गिर जाता है। इससे बचाव के लिए क्विनालफॉस या क्लोरपायरीफॉस 2 ML प्रति लीटर या इममेक्टिन बेंजोएट 0.5 मिलीग्राम की दर से पौधे पर छिड़काव करना चाहिए। यह कीड़ा रात या सुबह के समय अधिक सक्रिय रहते हैं। इसलिए दवा का छिड़काव शाम के समय या तड़के सुबह करें।
मक्खी कीट का प्रकोप
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि यह एक प्रकार का मक्खी कीट है, जो अप्रैल से लेकर मई के महीने में फल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। जिससे आम की पैदावार 90% तक कम हो जाती है। यह छोटी सुंडियों के छिलके को खाने के बाद आम के अंदर घुसकर गुदे को खाती हैं। इस मक्खी के शरीर पर पीले रंग की धारियां होती हैं, जो आम के फल को पूरी तरह से सड़ा देती है।
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