प्रतीक चौहान. रायपुर. अपनी बेटी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छुट्टी के लिए आवेदन करने वाले डॉ रविशंकर शुक्ला अब बुरे तरीके से फंसते हुए नजर आ रहे है. ये वहीं डॉक्टर हैं जिन्होंने लल्लूराम को उपरोक्त खबर छापने पर एफआईआर कराने की धमकी दी थी, लेकिन अब लल्लूराम की पड़ताल के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने पूरा मामला सही पाया और अब विभाग डॉ रविशंकर शुक्ला पर एफआईआर की तैयारी कर रही है.
स्वास्थ्य विभाग ने डॉ रविशंकर शुक्ला को नोटिस जारी कर उनसे उनका पक्ष चाहा तो उन्होंने नोटिस का जवाब देने के बजाए ये लिखकर दिया कि वे बीएमओ के अधिनस्थ नहीं हैं और बीएमओ से वरिष्ठ है और प्रथम श्रेणी अधिकरी हैं और बीएमओ उनकी नियोक्ताकर्ता नहीं हैं और नियंत्रणकर्ता अधिकारी नहीं है और बीएमओ दिव्तीय श्रेणी हैं. ऐसे कहते हुए उन्होंने अपने दस्तावेज दिखाने से मना कर दिया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने से पहले अनुमति के लिए लिखे गए पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि उन्होंने अपनी एमडी की डिग्री के लिए जो बांड अवधि थी (कांकेर में) वो वहां से भी अनुपस्थित रहे और बिना बांड का समय पूरा किए पीएससी में चयनित हुई. यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच के लिए डॉ रविशंकर शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है.