रायपुर. छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर के सचिव अलका दानी ने आज छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर की ओर से आयोजित 2024 के मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया. परीक्षा परिणाम 96.35 प्रतिशत रहा, जिसमें कुल 3 हजार 504 परीक्षार्थी (कक्षा 9वीं से 12वीं तक) शामिल हुए, जिसमें बालक 2 हजार 90 एवं बालिकाएं 1 हजार 414 हैं. वर्ष 2024 की मुख्य परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में कुल 41 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, जिसमें (9वीं से 12वीं) में 3 हजार 196 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए, जिसमें बालक 1 हजार 891 और बालिकाएं 1 हजार 305 उत्तीर्ण हुए.

कक्षा पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (10वीं) का परीक्षा परिणाम 98.48 प्रतिशत रहा, जिसमें कक्षा (10वीं) में दर्ज संख्या 801 (बालक 503, बालिकाएं 298) था. इसमें परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों की संख्या 777 (बालक 486, बालिकाएं 291) परीक्षा में उर्तीण रहे. 470 बालक-बालिकाएं प्रथम स्थान मिला एवं 284 बालक-बालिकाएं द्वितीय स्थान पर रहे. 23 बालक-बालिकाएं तृतीय स्थान पर रहे. 7 परीक्षार्थी पूरक आएं एवं 5 परीक्षार्थी परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे. प्रावीण्य सूची में गोस्वामी रामरतन संस्कृत उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय जर्वे जांजगीर-चांपा की छात्रा चंद्रभागा कश्यप ने प्रथम स्थान प्राप्त किया.

कक्षा उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (12वीं) का परीक्षा परिणाम 98.43 प्रतिशत रहा, जिसमें कक्षा (12वीं) में दर्ज संख्या 589 (बालक 333, बालिकाएं 256) था. इसमें परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों की संख्या 565 (बालक 317, बालिकाएं 248) परीक्षा में उर्तीण रहे. 462 बालक-बालिकाओं को प्रथम स्थान मिला एवं 96 वालक-बालिकाएं द्वितीय स्थान पर रहे तथा 7 बालक-बालिकाएं तृतीय स्थान पर रहे. 9 परीक्षार्थी पूरक आए. प्रावीण्य सूची में रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट जिला बलरामपुर की छात्रा यामिनी भगत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया.

छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर के सचिव अलका दानी ने कहा कि मण्डल की मुख्य परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित करने में मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी अमूल्य सहयोग रहा है. इसके लिए मण्डल के सभी अधिकारी-कर्मचारी बधाई के पात्र हैं. सभी सफल परीक्षार्थियों को बधाई तथा शुभकामनाएं देती हूं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं. जो परीक्षार्थी असफल हो गए हैं, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है. इसे ध्यान में रखते हुए पुनः कड़ी मेहनत कर परीक्षा में सम्मिलित होने पर सफलता अवश्य मिलेगी.

इस अवसर पर दूधाधारी वैष्णव संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य डॉ. तोयनिधि वैष्णव, आर्षज्योति गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य श्री मुकेश अहीर, रामबन्द्र संस्कृत विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राजेश तिवारी के साथ अन्य विद्यालयों के प्राचार्यगण और छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

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