नाटककार अशोक समेल का प्रसिद्ध टेलीप्ले ‘कुसुम मनोहर लेले’ 1986 में पुणे में हुए क्रूर धोखे की सच्ची कहानी पर आधारित है. पिछले कुछ वर्षों में, इस नाटक का मंचन बेहद सफलता के साथ किया गया है, जो अपनी शक्तिशाली कहानी और मनोरंजक कथा के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है. ज़ी थिएटर के टेलीप्ले के रूप में भी इसे बहुत प्रशंसा मिली है. जानी-मानी अभिनेत्री अनंग्शा बिस्वास, जिन्होंने ‘मिर्जापुर’ और ‘होस्टेजेस’ जैसे वेब शोज़ में अपने अभिनय के लिए प्रशंसा बटोरी है, टेलीप्ले में मुख्य भूमिका निभा रही हैं. इस भूमिका को लेकर वे बेहद उत्साहित थीं, क्योंकि इसमें उन्हें एक बहुत ही जटिल चरित्र को दर्शाने का मौका मिला. कहानी एक महिला के बारे में है, जो एक झूठी शादी में फंस जाती है और एक बच्चे को जन्म देती है, जिसे धोखे से उससे छीन लिया जाता है.

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए, अभिनेत्री कहती हैं, “अशोक सामले के प्रशंसित नाटक में काम करना सचमुच बहुत अनोखा था और इस भूमिका में बहुत-से जटिल विरोधाभास भी थे. जब मैंने पहली बार नाटक पढ़ा, तो मुझे लगा कि मैं कुसुम से बहुत अलग हूँ. उसकी मातृत्व भावना इतनी तीव्र है कि वह सही और गलत के बीच का अंतर भूल जाती है. वह एक मासूम लड़की को धोखा देती है और उसकी शादी अपने ही पति से करवा देती है. लेकिन, जैसे ही एक अभिनेत्री  के रूप में, मैंने इस भूमिका को देखना शुरू किया, तो कुसुम के चरित्र को आंकना मेरे लिए कठिन हो गया. एक कलाकार के रूप में जब आप अपने पात्र को बुरा समझने लगते हैं, तो उसके साथ न्याय नहीं कर सकते.”

अनंग्शा को अपनी भूमिका को व्यापक दृष्टिकोण से देखने में मदद मिली और वे कहती हैं, “कुसुम की भूमिका निभाने से मुझे वास्तव में बहुत कुछ सीखने को मिला. हमारे निर्देशक भी बहुत ही शांत और धैर्यवान थे. उन्होंने हमारे प्रदर्शन को निखारा और हम सभी को एक एकजुट टीम में बदल दिया. हमने एक परिवार की तरह काम किया, क्योंकि थिएटर में कोई भी नायक या नायिका नहीं होता है. यह एक सहयोगी कला है और किसी को भी एक अभिनेता के रूप में किसी से आगे नहीं बढ़ना चाहिए.”

डिश टीवी रंगमंच एक्टिव, डी2एच रंगमंच एक्टिव और एयरटेल स्पॉटलाइट पर ‘कुसुम मनोहर लेले’ देखें. राजन तम्हाणे द्वारा मंच के लिए निर्देशित और स्वप्ना वाघमारे जोशी द्वारा फिल्माए गए इस नाटक में गगन रियार, सविता प्रभुणे, श्वेता बसु प्रसाद, स्नेहा चव्हाण और सुनील पुष्करणा भी हैं.