सतीश चाण्डक, सुकमा। जहां एक ओर चांद पर घर बसाने का सपना देखा जा रहा है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में अभी भी ऐसे कई गांव हैं जहां आजादी के 70 साल बाद भी आज तक  बिजली नहीं पहुंची है। एक बड़ी आबादी आज भी अंधेरे में जीवनयापन करने के लिए मजूबर है। ऐसे ही गांव हैं बड़ेगुरबा और जंगनपाल है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से महज 6 किमी. दूर स्थित बड़े गुरबे गांव जहां करीब 1800 की जनसंख्या है। वहीं पास के बोदारस पंचायत जहां करीब 100 घर है। इस इलाके में सिर्फ ये दो पंचायते ही है जहा अभी तक बिजली नहीं पहुंची। इन दोनो गांवो में आदिवासी समुदाय के लोग निवासरत है।

दोनो गांवो में राजीवगांधी विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत विगत कई महिनों से गांव में विद्युत पोल लग चुके हैं। जहां पिछले सात माह से बिजली के पोल लग चुके हैं। उस पोल पर तार भी खींच दी गई। लेकिन टांसफार्मर अभी तक नहीं लगाया गया। जनवरी में विद्युतीकरण होने की बात विभाग कर रहा था लेकिन अभी तक कार्यपूर्ण ही नहीं हुआ।

ग्रामीणों से अवैध वसूली
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ माह पहले विद्युतीकरण करने वाली कंपनी का मैनेजर गांव के ग्रामीणों से बिजली कनेक्शन के नाम पर पैसा वसूल लिए। किसी के घर से 100 तो कहीं से 250 इस तरह गांव से करीब पचास हजार तक वसूल लिए। और एक सप्ताह के भीतर बिजली कनेक्शन देने की बात कही गई। जानकारी के अभाव में ग्रामीणों ने पैसे दे दिए। जबकि नियम के मुताबिक ग्रामीणों को कनेक्शन के एवज में कोई पैसा नहीं देना है।
मजदूरी का पैसा भी बकाया
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में राजीव गांधी विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। जिसमें रोजगार के लिए ग्रामीणों ने मजदूरी की। गांव में पोल लगाना, तार खिचंवाना, टांसफार्मर लगाना ऐसे कई कार्य दो माह किए। लेकिन उन मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। गांव में दूसरा कोई काम नहीं है। ऐसे में पैसो की जरूरत ग्रामीणों को काफी रहती है। जब कंपनी के लोगो से संर्पक किया गया तो पैसे देने की बात कही गई।

 तकलीफ होती है जब दूसरे गांवो को रोशन देखते हैं 
सरपंच पति आयताराम मण्डावी ने चर्चा में बताया कि जब ग्रामीण या फिर वो दूसरे गांवो में जाते है या फिर ब्लॉक, जिला मुख्यालय आते हैं। और यहां लाईट, फंखे, टीवी देखते तो बहुत तकलीफ होती है। हमारे गांव में ही यह सुविधा आने में देरी क्यों हो रही है। जब तक गांव में खंबे नहीं लगे थे तब उम्मीद नही थी। लेकिन अब सब कुछ हो गया और देरी हो रही है उसमें काफी दुख लग रहा है।