हेमंत शर्मा, इंदौर। कांग्रेस से भाजपा में आए अक्षय कांति बम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बीजेपी नेता ने इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं मिली है। इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 24 माई तक के लिए टाल दी है। इंदौर हाई कोर्ट ने अक्षय क्रांति की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है।

अक्षय बम की अग्रिम जमानत पर फरियादी यूनुस पटेल ने हाईकोर्ट में आपत्ति ली है। लिखित आपत्ति दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने 7 दिन का समय दिया है। मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी। बता दें की अक्षय कांति बम और उनके पिता कांति लाल बम की अग्रिम जमानत याचिका पर कल सुनवाई हुई थी। पुलिस कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है।

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इस पूरे मामले में डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा के मुताबिक न्यायालय ने अक्षय कांति बम को गिरफ्तार कर 8 जुलाई तक कोर्ट में पेश करने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

उन्होंने आगे कहा कि हम 8 जुलाई के पहले अक्षय कांति बम को कोर्ट में पेश कर देंगे । डीसीपी के इस बयान के बाद यह तो साफ जाहिर होता है कि अक्षय कांति बम की गिरफ्तारी पर कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव है। जिसके चलते पुलिस अब तक अक्षय बम को गिरफ्तार नहीं कर रही है। हालांकि इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 24 में तक टाल दिया है ।

दरअसल कल (शुक्रवार) को न्यायालय से जारी गिरफ्तारी आदेश थाने पहुंचा था। पूरे मामले में डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया किअक्षय कांति बम जिन पर 2007 में खजराना थाने पर प्रकरण दर्ज किया गया था जिसका पूरा मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। सुनवाई के दौरान उन पर हत्या का प्रयास की धारा 307 के तहत धारा भी बढ़ाई गई है। 10 मई को अक्षय कांति बम को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन वह नोटिस प्रस्तुत कर उपस्थित नहीं हुए थे। जिसके बाद न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

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 क्या है पूरा मामला 

अक्षय कांति बम पर जमीनी विवाद में 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के ऊपर हमला करने, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब FIR में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी।

जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा, उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे।

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