दिल्ली के न्यू उस्मानपुर इलाके में 17 मई को आम आदमी पार्टी कार्यालय के बाहर उत्तर-पूर्व दिल्ली से कांग्रेस के प्रत्याशी कन्हैया कुमार पर हमला हुआ था. कन्हैया कुमार ने खुद पर हुए हमले के बाद 18 मई को पहली बार मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेस इसलिए कर रहा हूं, ताकि ‘लोकतंत्र और संविधान’ सुरक्षित रहे.  

उन्होंने कहा, “देश में चुनावी प्रक्रिया चल रही है. देश में चुनाव आयोग है, जिस पर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है.”

अज्ञात लोगों ने फेंकी थी स्याही

कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार ने खुद पर हुए हमले को लेकर कहा, “मैं, बिहार की धरती पर पैदा हुआ हूं. संघर्ष ही मेरा जीवन है.” दरअसल, शुक्रवार को न्यू उस्मानपुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोगों ने कन्हैया कुमार पर कथित तौर पर हमला किया था. उन पर स्याही फेंकी गई थी. न्यू उस्मानपुर इलाके में AAP कार्यालय के बाहर यह घटना हुई.

आरोपी युवकों ने घटना के बाद वीडिया जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि कन्हैया ने भारत के टुकड़े होने की बात कही थी साथ ही अफजल को लेकर भी नारे लगाए थे, इसलिए हमने उसे सबक सिखा दिया. हालांकि इनमें से एक युवक ने यह भी बताया कि इस हरकत के बाद हुई पिटाई में उसका सिर फट गया. 

आरोपी युवकों ने जो वीडियो जारी किया, उसमें एक युवक कहता है, ‘जय श्रीराम भाई, जय गौमाता की, जिस कन्हैया ने नारे लगाए थे कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, अफजल हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं, हम दोनों भाइयों ने उसे चांटे से जवाब दिया है. उसकी रैली में हमने उसके मुंह पर स्याही फेंककर और उसके मुंह पर चांटा मारकर उसे जवाब दिया है, कि भारत के टुकड़े कोई नहीं कर सकता जब तक हमारे जैसे सनातनी शेर जिंदा हैं. हालांकि जो उसके भक्त थे, उसके सेवकों ने मेरा सिर फाड़ दिया है.’

कन्हैया ने भाजपा प्रत्याशी पर लगाए आरोप

कन्हैया कुमार ने अपने ऊपर हुए इस हमले के बाद भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सांसद तिवारी उनकी बढ़ती लोकप्रियता से निराश हैं और इसीलिए उन पर हमला करने के लिए गुंडे भेजे थे. कन्हैया कुमार ने एक चुनावी सभा में कहा कि BJP के लोग गुंडे भेज कर उनको और उनके समर्थकों को डराना चाहते हैं, लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं हैं. इस कार्रवाई को अमर्यादित करार देते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में विरोध कीजिए, लेकिन मर्यादा की सीमा मत लांघिए.