राकेश चतुर्वेदी, भोपाल/देवास: ये खबर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। कहानी में तीन मुख्य किरदार हैं। एक सौतेली बेटी, पिता और सगी बेटी। सौतेली बेटी पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाती है। एडीजे कोर्ट पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के आरोप में पिता को जेल भेज देता है। लेकिन सगी बेटी को भरोसा था कि उसके पिता ऐसा घिनौना काम कर ही नहीं सकते। बेटी अपने पिता को रिहा कराने दूसरों के घर झाडूं पोछा लगाती है। खेतों में मजदूरी करती है। अपने पिता को जेल से बाहर निकलवाने एक-एक रुपये इकट्ठा करती है। न्यायालय के फैसले को चुनौती देती है। केस लड़ती है। आखिरकार सच्चाई की जीत होती है। पिता को बाइज्जत बरी किया जाता है।
मामला मध्यप्रदेश के बागली थाना क्षेत्र का है। जहां फरवरी 2021 में पीड़िता ने सौतेले पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस में केस दर्ज करवाया था। जिसमें बताया था कि सौतेला पिता दस साल से दुष्कर्म कर रहा था। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट व दुष्कर्म की धारा में केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था।
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लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा किया
इस मामले में आरोपी की सगी नाबालिग बेटी ने पिता को झूठे केस से बाहर निकालने के लिए लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा किया और मजदूरी भी की। साढ़े छह हजार रुपए इकट्ठा कर इंदौर हाईकोर्ट में जमानत की अपील की। बागली एडीजे कोर्ट में विचारण में पीड़िता, पुलिस, डॉक्टर व परिजन सहित 12 गवाहों के बयान हुए। जब मेडिकल परीक्षण हुआ तो पीड़िता ने बताया कि अक्टूबर 2020 में मुझे 24 माह का गर्भ था लेकिन डॉक्टरों ने जब सूक्ष्मता से जांच की तो पता चला कि 24 माह का गर्भ सितंबर 2020 में होगा। यही से पूरी कहानी बदल गई।
डीएनए की जांच आई निगेटिव
बाद में नवजात शिशु व आरोपी के डीएनए की जांच करवाई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं पीड़िता ने जिस घर को घटनास्थल बताया था। वह 15 बाय 15 एकमात्र कमरा है। जिसमें सात सदस्य रहते हैं। इतने छोटे से कमरे में दस साल से दुष्कर्म करने व अक्टूबर 2020 में आखिरी बार दुष्कर्म करने की घटना की जानकारी मां, अन्य चार भाई-बहन को नहीं थी। इसका उल्लेख कोर्ट ने अपने आदेश में किया है।
गुमशुदगी की रिपोर्ट पिता ने ही दर्ज करवाई थी
कोर्ट ने कहा-किसी भी के संबंध में यह स्वीकार योग्य नहीं है कि उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म जैसा घृणित अपराध होने पर भी वह चुप रहेगी। इधर, आरोपी की ओर से तर्क था कि पीड़िता 2018 में घर से चली गई थी, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट आरोपी पिता ने ही दर्ज करवाई थी। 29 जनवरी 2021 को वापस भाग गई थी, जिसकी भी रिपोर्ट पिता ने दर्ज करवाई थी। इसी दौरान सौतेली बेटी ने 1 फरवरी 2021 को शादी कर ली थी। इसके बाद बागली थाने पर बयान देकर अपने पति के साथ चली गई थी।
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काेर्ट ने आरोपी पिता काे किया बरी
बाद में पति और सास के साथ थाने आकर पिता के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सौतेली बेटी की शादी से आराेपी पिता राजी नहीं था, जिससे सौतेली बेटी अपने साैतेले पिता से नाराज थी। इन सभी परिस्थितियों, मेडिकल रिपाेर्ट, घटना के संबंध में पीड़िता के कथन विश्वसनीय नहीं होने आदि के आधार पर काेर्ट ने आरोपी पिता काे बरी कर दिया।
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