लुधियाना : शंभू के करीब रेलवे ट्रेक पर बैठे किसानों के धरने ने रेल विभाग और यात्रियों के नाक में दम कर रखा है। लोग इस धरने से अब बेहद परेशान हो रहे हैं। वहीं अगर रेलवे विभाग के नुकसान की बात की जाए तो विभाग को आर्थिक रूप से बड़ी क्षति पहुंची है।
आपको बता दें कि 17 मई को 31 दिन हो गए हैं। किसान अभी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं उनके हटने का और धरना खत्म करने का कोई भी इरादा नजर नहीं आ रहा है। किसानों के इस धरने के कारण जहां रेलवे विभाग को हर रोज लाखों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है, वहीं रेल यात्रियों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इन 31 दिनों में 5500 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं जिनमें से 2 हजार के करीब ट्रेनों को रद्द किया गया, 3 हजार से अधिक ट्रेनों को डायवर्ट व 1 हजार के करीब ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट कर चलाया गया है।
यात्री की बड़ी मुश्किल
धरने पर बैठे किसानों के कारण यात्रियों की मुसीबत सबसे अधिक बढ़ गई है। लगातार रद्द होती ट्रेन लोगों के सफर को और भी कठिन कर दी है। ट्रेनों के रद्द होने के कारण टैक्सी और बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। बस की अगर बात करें तो यात्रियों को सीमित साधन होने के कारण भीड़ का सामना करना पड़ रहा है। एक दूसरा पहलू यह भी है कि गर्मी की छुट्टियों के कारण वैसे ही लोगों का आना-जाना अधिक बढ़ जाता है और ऐसे में ट्रेनों का रद्द होना सफर करने वालों के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
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