कुमार इंदर, जबलपुर। पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस (Pune Accident) में जबलपुर (Jabalpur) की युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर (software Engineer) की दर्दनाक मौत हुई है। पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स में रहने वाली 25 साल की अश्वनी कोष्टा (Ashwini Koshta) ने हादसे के तुरंत बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया। अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया।
परिवार में सबसे छोटी होने के कारण अश्वनी को सभी लोग प्यार से आशी कह कर बुलाया करते थे। सड़क हादसे में आशी की दर्दनाक मौत की खबर जैसे ही आई परिवार में मातम छा गया।
बिजली विभाग में पदस्थ हैं पिता
मृतिका अश्वनी कोष्टा के पिता सुरेश कुमार कोष्टा जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स कॉलोनी में बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं। उनका एक बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो दूसरी बेटी अश्विनी पिछले 2 सालों से पुणे में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही है। अश्विनी इससे पहले अमेजॉन कंपनी में थी।
कुछ बड़ा करने का सपना संजोकर गई थी पुणे
1 साल पहले ही उसने स्विच करके जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन की थी। अश्वनी रविवार को अपने साथ काम करने वाले अनीश अवधिया के साथ रेस्टोरेंट से निकलकर अपने रूम जा रही थी। इसी बीच कल्याणी नगर के पास एक बिगडै़ल रईस जादे ने करोड़ों की पोर्श कार को बेलगाम रफ्तार से भगाते हुए मोटरसाइकिल पर सवार दोनों को जोरदार टक्कर मार दी। अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे में अश्वनी और उसके दोस्त अनीश की मौके पर ही मौत हो गई।
नाबालिग चला रहा था कार
हादसे के वक्त पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था। बताया जा रहा है कि बेलगाम रफ्तार से कार वेदांत अग्रवाल नाम का नाबालिग चला रहा था जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है। बताया जा रहा है कि, हादसे के वक्त कार में और तीन लोग बैठे थे जो एक्सीडेंट होने के तुरंत ही कूद कर भाग गए।
चंद घंटों में कोर्ट से मिली जमानत, कहा- एक्सीडेंट पर निबंध लिखना होगा
एक्सीडेंट के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही आरोपी को जमानत दे दी। जिन शर्तों पर किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दी है उससे परिवार वाले भी हैरत में हैं और वे इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं। कोर्ट ने आरोपी युवक को जमानत देते हुए कहा है कि उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ रहकर चीजों को समझना होगा। साथ ही एक्सीडेंट पर एक निबंध भी लिखना होगा।
हर स्तर की लड़ाई लड़ेगा आशी का परिवार
आशी का शव सोमवार की शाम को पुणे से जैसे ही उसके घर पहुंचा तो परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था। आसपास के लोग भी आशी को आखिरी बार देखने के लिए जमा होने लगे। अश्विनी कोष्टा उर्फ आशी के परिवार वालों का कहना है कि आशी को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
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