Chhattisgarh News: पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ अब गुरुजी शौचालयों का भी सत्यापन करेंगे. लेकिन इस फैसले से शिक्षक नाराज बताएं जा रहे है. उनका कहना है कि अब शिक्षकों को दीगर कार्यों में झोंका जा रहा है. ऐसे-ऐसे कार्य उन्हें संपादित करने कहा जा रहा है, जो उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं है. शिक्षकों का कहना है कि समाज में सर्वाधिक प्रतिष्ठित माने जाने वाले शिक्षकों को शौचालय के कार्यों की जिम्मेदारी दी जा रही है. यह कार्य उनके विभाग का है ही नहीं. अन्य विभागों के कार्यों को शिक्षकों को जबरदस्ती थोपा जा रहा है.

दरअसल धमधा विकासखंड अंतर्गत शौचालय सत्यापन के लिए थोक में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. यह भी पता चला है कि यह कार्य जिला पंचायत के अधीन है, जिसे पंचायत स्तर पर सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या अन्य अधिकारी कर्मचारी करते रहे हैं.

कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी धमधा द्वारा 17 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर रिट्रोफिट टू ट्विन पिट अभियान 2 अक्टूबर 2022 को प्रारंभ किया गया, जिसके अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एमआईएसए मोडल 67 सी में ग्राम स्तर पर निर्मित शौचालय जैसे ट्विन पिट सेप्टिक टैंक तथा अन्य से संबंधित डाटा को बेसलाइन मॉड्यूल में अपलोड किया गया है. बेसलाइन मॉड्यूल में अपडेट किए गए डाटा तथा भारत सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023-24 में तृतीय पक्ष द्वारा किए गए सत्यापन में प्राप्त राज्य स्तरीय आंकड़ों में भिन्नता है. बेसलाइन आंकड़ों का पुनः सत्यापन 10 जून तक पूर्ण किए जाने दल गठित की गई है, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग से पंचायतवार शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है.

मांगी गई शिक्षकों की सूची

धमधा के प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कैलाश साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि शौचालियों के सत्यापन के लिए जनपद द्वारा शिक्षकों की सूची मांगी गई थी. उन्हीं के निर्देश के तहत शिक्षकों की ड्यूटी शौचालय सत्यापन के लिए लगाए जाने का आदेश जारी किया गया है.