सतीश चाण्डक, सुकमा। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। सुकमा के बड़ेगुरबे स्थित स्कूल में शिक्षक ना होने की खबर लल्लूराम डॉट कॉम में प्रकाशित होते ही स्कूल शिक्षा विभाग हरकम में आया और तत्काल उस स्कूल में एक शिक्षक की पदस्थापना कर दी। इसके साथ ही विभाग द्वारा व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास भी किया जा रहा है। पदस्थापना के बाद ग्रामीणों में काफी खुशी देखी जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से महज 6 किमी. दूर स्थित प्राथमिक शाला बड़े गुरबे गांव जहा कि स्कूल की स्थिति बहुत ही खराब है। जिस पंचायत में करीब 1800 की जनसंख्या है। इस स्कूल में पिछले वर्ष करीब 40 बच्चे थे। इस समस्या को लेकर जब लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रकाशित हुई तो जिला कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने तत्काल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उक्त स्कूल का जायजा लेने को कहा। फिर ग्रामीणों की मांग पर तत्काल वहां एक शिक्षक को पदस्थ किया गया। ताकि उस स्कूल के बच्चों को और शिक्षित किया जाए। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा को लेकर कलेक्टर व शिक्षा विभाग कितना गंभीर है।
क्या था मामला
बड़े गुरबे में पिछले दो सालो से यहां शिक्षक नहीं है। पिछले सत्र में एक शिक्षक के संलग्न कर दिया गया था लेकिन वो कभी-कभी आता था। इस वर्ष उस शिक्षक को भी मूल पद पर भेज दिया था। शिक्षक नहीं होने के कारण इस वर्ष महज 20 बच्चों ने प्रवेश लिया। ग्रामीणों ने भी कई बार शिकायत दर्ज करवाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। वहां अध्यनरत सभी छात्र-छात्राओं में पढ़ने को लेकर ललक है। बिना शिक्षक के भी वो पढाई कर रहे थे। वहीं कुछ बच्चे शिक्षक के अभाव में या तो स्कूल के बाहर खेलते रहते थे या फिर मध्यान भोजन खाने के बाद खेत चले जाते थे।
बस्तर से मिली सभी स्कूलों का यही हाल
बस्तर जिले में ज्यादातर सभी स्कूलों का यही हाल है। क्योंकि दरभा विकासखण्ड के समय इन स्कूलों की देखरेख न के बराबर होती थी। इसलिए यहां के हालात खराब है। जानकारी के मुताबिक 5 पंचायतो के करीब 14 गांव जिले में सम्मलित हुए है। जिसमें सभी मिलाकर 73 स्कूल हैं और मात्र 154 शिक्षकों की पदस्थापना की गई। जो स्कूल व बच्चो के अनुपात में काफी कम है।
स्कूल में पदस्थ किया गया शिक्षक – राठौड़
जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र राठौड़ ने चर्चा में बताया कि बड़े गुरबे में एक शिक्षक को पदस्थ किया गया। साथ ही जिले की सभी स्कूलों का जायजा लिया जा रहा है। जहां-जहां शिक्षको की कमी होगी वहां पर शिक्षकों को पदस्थ की जाएगी। शिक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।