अजय नीमा, उज्जैन। मध्य प्रदेश में सरकार शासकीय अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उज्जैन जिले के एक सरकारी अस्पताल में बिजली न होने पर मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया गया। इस मामले में इंचार्ज डॉक्टर पल्ला झाड़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला जीवाजीगंज अस्पताल की है। बताया जा रहा है कि बीती रात ग्राम चिंतामन गणेश निवासी नितेश परिहार गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में बिजली नहीं होने पर वहां के स्टाफ ने मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी कराई। जबकि अस्पताल में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से होना चाहिए और वैकल्पिक्स व्यवस्था का होना भी आवश्यक है।
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अस्पताल प्रशासन और इंचार्ज की लापरवाही के चलते वहां की व्यवस्थाओं को अनदेखा किया जा रहा है। जिसके चलते मरीज के परिजनों को गर्मी में अस्पताल से बाहर परिसर में सोना पड़ रहा है। इस संबंध में अस्पताल इंचार्ज डॉक्टर सरलोई जेकब से बात की गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वहीं सीएमएचओ ने कहा कि मेरी जानकारी में यह बात नहीं है, मैं दिखाता हूं। गौरतबल है कि उज्जैन सीएम डॉ. मोहन यादव का गृह जिला है। लेकिन वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है।
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