वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। नीट के प्रश्न पत्रों का गलत सेट वितरित करने के बाद उसे ठीक कराने में प्रतियोगियों का बहुत समय बर्बाद हुआ. प्रभावित बालोद के विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की. इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एनटीए (National Testing Agency) से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 24 मई को होगी.
नीट की परीक्षा शासकीय उमा विद्यालय बालोद में भी आयोजित की गई थी. परीक्षा के दिन दोपहर 2.00 बजे, भारतीय स्टेट बैंक, बालोद से प्राप्त प्रश्न पत्रों का पहला सेट वितरित किया गया था, जो कि सही नहीं था. परीक्षा आयोजित कर रहे केंद्र को जब अपनी गलती का एहसास हुआ, कि गलत प्रश्न पत्र वितरित किया गया है, तो 40-50 मिनट बाद केनरा बैंक, बालोद से प्राप्त प्रश्न पत्रों का एक और सेट फिर से वितरित किया. प्रश्न पत्र के दूसरे सेट में ओएमआर शीट का एक अलग सेट जुड़ा हुआ था जिसे उम्मीदवारों को दोबारा भरना था, जिसमें उम्मीदवारों का समय बर्बाद हो गया. इसे लेकर लिपिका सोनबोइर व अन्य ने एडवोकेट अदिति सिंघवी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. याचिका में बताया गया है, कि अभ्यर्थी प्रश्नपत्र के दूसरे सेट को समय पर हल नहीं कर सके, क्योंकि उन्हें इस गड़बड़ी पर कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया गया.
इसी तरह की घटना राजस्थान में भी हुई थी. जिसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने संबंधित केंद्र की दोबारा परीक्षा आयोजित करने के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की थी. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की ओर से उपस्थित उप महाधिवक्ता डॉ. सौरभ कुमार पांडेय के अनुरोध पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने इस मामले में आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को रखी गई है. बता दें, कि नीट परीक्षा का परिणाम जून माह के दूसरे सप्ताह में जारी होने की संभावना है. ऐसे में यह याचिका परिणाम को प्रभावित कर सकता है.
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