नई दिल्ली . दिल्ली सरकार में जल मंत्री और आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली में पानी की किल्लत पैदा कर रही है. भाजपा की हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना में छोड़ना बंद कर दिया है, जिससे दिल्ली में जल संयंत्रों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है.

पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में आतिशी ने कहा कि उत्पादन घटने से उन इलाकों से पानी को लेकर शिकायतें आ रही है, जहां से कभी नहीं थी. उन्होंने कहा कि हमने यह मामला हरियाणा सरकार के सामने उठाया है, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा आप के खिलाफ रोज नई-नई साजिश रच रही है. केजरीवाल सरकार को बदनाम करने लिए अब हरियाणा सरकार के माध्यम से दिल्ली का पानी रोक दिया गया है.

हरियाणा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी ने यमुना में घटते जलस्तर से दिल्ली में पैदा हो रही पानी किल्लत पर हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटता जा रहा है. जांच में पता चला है कि हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना में नहीं छोड़ रहा है, जिससे दिल्ली के जल संयंत्रों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. दिल्ली में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. यह बेहद आपात स्थिति है, दिल्ली में लू चल रही है और गर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसे समय में पानी की किल्लत ठीक नहीं है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत संज्ञान लें.

बोरवेल का प्रयोग करेंगे

बढ़ती पानी की किल्लत से निपटने के सवाल पर आतिशी ने कहा कि हमने हरियाणा सरकार के सामने यह मामला उठाया है. इसके अलावा जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को आदेश दिया है कि वह टैंकर की संख्या बढ़ाकर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें. बोरवेल से 16 घंटे की बजाए 22 घंटे पानी निकाला जाए. इस दौरान अगर हरियाणा सरकार पानी नहीं छोड़ती है सुप्रीम कोर्ट का रूख करेंगे.

जल बोर्ड ने खंडन किया

दिल्ली जल बोर्ड ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यमुना नदी में हरियाणा से प्राप्त कच्चे पानी की कमी के कारण दिल्ली में जल संकट पैदा हो गया है. जल बोर्ड ने कहा है कि नदी का जल स्तर कई कारकों पर निर्भर है. जल बोर्ड ने कहा कि वजीराबाद में यमुना नदी का जल स्तर मौसम की स्थिति, तापमान, जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा की स्थिति आदि कारकों पर निर्भर करता है.