बिलासपुर- राजधानी रायपुर के बांसटाल में इंदिरा आवास योजना के मकानों की मरम्मत से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव रोहित यादव और रायपुर नगर निगम के कमिश्नर रजत बंसल को नोटिस जारी किया है. बांसटाल में जर्जर मकानों में रह रहे लोगों की ओऱ से लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि बांसटाल के मकानों को लेकर जो जानकारी चाही गई थी, वह जानकारी कोर्ट को नहीं दी गई, लिहाजा ये कोर्ट की अवमानना के दायरे में आता है.
याचिकाकर्ताओं के वकील टी के झा ने लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई बातचीत में बताया कि पिछली 13 तारीख को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने निगम प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा था कि बांसटाल के जर्जर मकानों की मरम्मत निगम प्रशासन क्यों नहीं कर रहा है, एफिडेविट देकर इसकी जानकारी दी जाए. हाईकोर्ट में दिए गए जवाब में निगम ने कहा कि मकानों की हालत ठीक नहीं है और इसे खाली कराने का अधिकार नगर निगम को हैं. कोर्ट ने निगम के इस जवाब पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो जानकारी चाही गई थी, नहीं दी गई. लिहाजा ये कोर्ट की अवमानना के दायरे में आता है.
हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव रोहित यादव और रायपुर नगर निगम के कमिश्नर रजत बंसल को नोटिस देकर 22 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है. लल्लूराम डाॅट काॅम ने इस मामले में रोहित यादव और रजत बंसल से मोबाइल फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं होने की वजह से उनका पक्ष सामने नहीं आ सका.

क्या है मामला ?

इंदिरा आवास योजना के तहत 1971 में रायपुर के बांसटाल इलाके में करीब 41 मकान के पट्टे दिये गए थे. तब से लेकर आज तक मकानों की मरम्मत नहीं की गई. स्थानीय निवासी 1999 से लेकर आज तक लगातार निगम प्रशासन से मरम्मत किए जाने की मांग करते रहे. पीएमओ में भी शिकायत भेजी गई. 2009 में निगम ने 64 मकान बनाने का टेंडर जारी किया. इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि भी आबंटित कर दी गई. बताया गया कि पी डी अग्रवाल नाम के ठेकेदार को टेंडर जारी किया गया. लेकिन बाद में टेंडर निरस्त कर दिया गया. उसके बाद से अब तक कुछ नहीं हुआ. मकान रहने लायक नहीं है. लिहाजा स्थानीय निवासियों ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर किया. पिटिशन में कहा गया कि देश के नागरिक को आवास देना सरकार का कर्तव्य है. लेकिन इस अधिकार से वंचित किया जा रहा.