आरिफ कुरैशी, श्योपुर। केन्या से भारत आए 6 सदस्यीय चीता एक्सपर्ट टीम ने कूनो नेशनल पार्क और गांधीसागर अभ्यारण्य का 3 दिवसीय दौरा किया। केन्याई प्रतिनिधि मंडल ने 20 से 23 मई तक दोनों राष्ट्रीय अभ्यारण्य में चीता परियोजना की प्रगति देखी और उपलब्धियों के बारे में बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों को लाने के लिए की गई तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। टीम को वर्तमान स्थिति से अवगत कराने के लिए क्षेत्र का दौरा कराया गया। यह यात्रा वन्यजीव संरक्षण और क्षेत्र में चीतों को फिर से लाने पर केंद्रित एक व्यापक पहल का हिस्सा थी।
सीसीएफ उत्तम शर्मा ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि, कूनो राष्ट्रीय उद्यान 70 साल से भी ज्यादा समय पहले देश में चीतों के विलुप्त होने के बाद उन्हें फिर से भारत में लाने के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। केन्याई प्रतिनिधिमंडल की यात्रा कई कारणों से महत्वपूर्ण थी, जिनमें प्रमुख रूप से ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ।
चीता के संरक्षण में विशेषज्ञता का हुआ आदान-प्रदान
सीसीएफ उत्तम शर्मा के अनुसार केन्या में विशेष रूप से चीतों के साथ सफल वन्यजीव संरक्षण का एक लंबा इतिहास है। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ने चीता आबादी के प्रबंधन और संरक्षण में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान किया। सहयोगात्मक प्रयास भी हुआ, इस यात्रा ने वन्यजीव संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को उजागर किया। साथ मिलकर काम करके, भारत और केन्या अपने-अपने संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिए बेस्ट प्रथाओं, रणनीतियों और प्रौद्योगिकियों को साझा कर सकते हैं।
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