न्यामुद्दीअली, अनूपपुर। मध्य प्रदेश में राजनीतिक दृष्टि से सबसे अहम सीट माने जाने वाली आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले में दो दिवसीय गोंडवाना स्वजातीय सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ से भी समाज के लोग शामिल हुए। जंहा गोंडी धर्म संस्कृति रीति रिवाज से कई जोड़ों को शादी हुई।

दरअसल, अनूपपुर जिले की मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ग्राम खूंटा टोला के शक्तिपीठ में गोंडवाना गुरुदेव दुर्गेश जगत एवं दुर्गे दुलेश्वरी दाई के सानिध्य में गोंडी धर्म संस्कृति समिति के तत्वाधान में दो दिवसीय गोंड़वाना सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। जिसमें कई जिलों के गोंड़ समुदाय के लोग अपने-अपने पुत्र-पुत्री का विवाह कराने आए। जिनका गोंड समाज के रीति रिवाज के अनुसार धूमधाम से विवाह कराया गया।

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लड़का-लड़की पक्ष को समुदाय की ओर से मंडप और विवाह में उपयोग होने वाले उपयोगी वस्तुएं भी दी गई। गोंड़वाना स्वजातीय सामूहिक विवाह में बहुत सारे गोंड़ समुदाय के लोगों में सेवा भावना भी देखने को मिली, जिसमें सभी गोंड़ लोग अपना योगदान दे रहे थे। वे लोग शांति व्यवस्था एवं अनुसाशन का पालन करते हुए अपना श्रमदान भी कर रहे थे।

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गोंड़ी धर्म संस्कृति, विश्व संस्कृति की है जननी

विवाह के कार्यक्रम को गोंड़ समुदाय के रीति-रिवाजों से आगे बढ़ाया गया। जिसमें गुरुददा परम श्रद्धेव दुर्गेभगत जगत जी एवं गुरुदाई दुर्गेदुलेश्वरी के निर्देशों पर विवाह रस्म शुरू की गई। गोंड़ी धर्म संस्कृति, विश्व संस्कृति की जननी है। व्यक्ति से परिवार और परिवार से समाज का निर्माण होता है, हर समाज की अपनी रीति-नीति, परंपरा और संस्कृति ही समाज की पहचान होती है। गोंड़ समुदाय के लिए धर्म पिता और भाषा माता समान होती है। इनकी संस्कृति व कला गोंड़ी समाज की एक विशेष पहचान है।

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