डब्बू ठाकुर, कोटा। कोटा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है, यहां से कांग्रेस लगातार जीतते आई है. रेणु जोगी इस सीट से विधायक हैं लेकिन इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने उन्हें यहां से मैदान में उतारा है. रेणु जोगी के जनता कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरने से कांग्रेस की यह परंपरागत सीट खिसकती नजर आ रही है. दरअसल मरवाही, कोटा सहित आसपास के इलाकों में जोगी परिवार का वर्चस्व रहा है और जोगी परिवार यहां जनता से सीधे जुड़ा रहा है. यही वजह है कि इन सीटों पर पार्टी सिंबाल से ज्यादा चेहरे को जनता द्वारा पसंद किया जाता है. पिछले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रेणु जोगी को 58390 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी काशी राम साहू को 52301 वोट मिले. इस तरह रेणु जोगी ने 5089 वोटों से जीत हासिल की उधर 7432 वोट पाकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा.

इस बार 2018 के चुनाव में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले पूर्व डीएसपी विभोर सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है. विभोर सिंह पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य किये हैं और नौकरी छोड़कर सीधे चुनाव में अपनी किस्मत अजमाने जा रहे हैं लिहाजा पुलिसिया अंदाज से सीधी राजनीति में हाथ जोड़ने और पैर छूने की परंपरा से उन्हें जनता और कार्यकर्ताओं के सामने असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.  वहीं भाजपा ने पिछले चुनाव में हार का मुंह देखने वाले अपने पुराने प्रत्याशी काशीराम साहू पर एक बार फिर विश्वास जताया है. वहीं आम आदमी पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत अजमाने जा रही है. आम आदमी पार्टी ने यहां से हरीश चंदेल को टिकट दिया है. चार-पांच महीने पहले से आप उम्मीदवार भी क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो डोर टू डोर मतदाताओं से मुलाकात कर रहे हैं. हालांकि सभी प्रत्याशी मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं लेकिन खामोश मतदाता 20 तारीख को किसके पक्ष में मतदान करते हैं इसका पता 11 दिसंबर को ईवीएम खुलने के बाद ही पता चल पाएगा.