राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। अगर आपने सार्वजनिक कुएं, तालाब, बावड़ियां और नदी के आसपास अतिक्रमण कर रखा है तो तुरंत खुद ही हटा लें। अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस के दिन तक यानी 5 जून की तारीख तय कर दी है। इस दिन तक अतिक्रमण नहीं हटाने पर सरकार ने कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश में पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व तक जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए विशेष अभियान चलेगा। इसके तहत हर जिले, हर तहसील में पानी के स्रोत को स्वच्छ रखने के साथ गहरीकरण जैसी गतिविधियां संचालित होगी।

बढ़ाई जा सकती है अभियान की अवधि

सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों ने सार्वजनिक कुएं, तालाब, बावड़ियां और नदी के आसपास अतिक्रमण कर रखा है। वो खुद जल स्रोत्रों के संरक्षण के लिए आगे आए और अतिक्रमण हटा लें। ऐसा नहीं होने पर प्रशासन जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराएगा। प्रदेश में 212 से अधिक नदियां हैं। प्रदेश में पेयजल की आपूर्ति नदी, बावड़ियां, कुएं और तालाबों से हो रही है। अभियान के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अभियान 5 से 15 जून तक चलेगा। जरूरत पड़ने पर अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है।

CM मोहन ने की ये अपील

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आवश्यकता होने पर जल संरचनाओं के गहरीकरण के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इस काम में जनसहभागिता को भी शामिल किया जाएगा। इससे जल स्रोतों के प्रति सामाजिक चेतना तो जागृत होगी ही, साथ ही जनसामान्य का जल स्रोतों से जीवत संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी। शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों में यह अभियान जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में चलेगा, जबकि जिला कलेक्टर गतिविधियों का समन्वय करेंगे। सीएम मोहन ने सभी सामाजिक, शासकीय, अशासकीय संस्थाओं से अपील की है कि वह इस अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

GIS तकनीक का होगा उपयोग

जल संरचनाओं के चयन और उन्नयन में GIS (Geographic information system) तकनीक का उपयोग होगा। इन स्थलों की मोबाइल एप के जरिए जियो टैगिंग की जाएगी। अतिक्रमण हटाने के बाद तार फेंसिंग होगी तो बफर जोन तैयार कर बारिश में पौधारोपण किया जाएगा।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H