कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से मध्यप्रदेश पैरामेडिकल की परीक्षा को बड़ा झटका लगा है। HC में मामले की सुनवाई के चलते मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने सत्र 2023- 24 की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि उन्हें जानकारी लगी कि यह मामला उच्च न्यायालय पहुंच चुका है। इसलिए उन्होंने फिलहाल परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। यह परीक्षा आज यानी की 27 मई से शुरू होनी थी।

सुनवाई के दौरान PIL लगाने वाले मिलन सिंह की ओर से कोर्ट में वकील ने कहा कि पैरामेडिकल की परीक्षा में नर्सिंग की परीक्षा जैसी धांधली हो रही है। पैरामेडिकल में 10 महीने की प्रैक्टिस अनिवार्य है, लेकिन नियमों का कॉलेज पालन नहीं कर रहे है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि पैरामेडिकल कॉलेज फिर से परीक्षा करा रहे है, तो वह कोर्ट आए सकते है।

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मिलन सिंह का आरोप है कि प्रदेश में 220 पैरामेडिकल कॉलेज है, जो बीस हजार से ज्यादा बच्चों की पैरामेडिकल की परीक्षा गुपचुप तरीके से कर रहे थे। इसके जरिये बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बिना पढ़ाई किए पैरामेडिकल का काम करने वाले छात्र लोगो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर सकते है।

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CBI जांच की मांग

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिए मांग की है कि नर्सिंग फर्जीवाड़ा की तरह ही पैरामेडिकल कॉलेज की भी जांच सीबीआई के जरिए कराई जानी चाहिए, ताकि फर्जीवाड़ा करने वाला यह गिरोह बेनकाब हो और उन पर कड़ी कार्रवाई हो सके।

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