मथुरा. देश में इन दिनों अंधविश्वास चरम पर है. 6 साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में एक साथ एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों ने मोक्ष की चाहत में आत्महत्या कर ली थी. इस घटना ने देश ही नहीं दुनियाभर के लोगों को दहला कर रख दिया था. आज भी अनपढ़ से लेकर डिग्रीधारी लोग अंधविश्वास की दलदल में फंसे हुए है. उत्तर प्रदेश के मथुरा में 13-14 साल की 3 लड़कियों ने शरीर नश्वर है और बाबा ने बुलाया है लिखकर 24 मई को ट्रेन से कटकर जान दे दी.

बता दें कि मुजफ्फरपुर (बिहार) के योगिया मठ से माया (13), गौरी (14) और माही (16) ये तीनों 13 मई को लापता हुई थीं. माही के घर पर एक लेटर मिला. इस पर लिखा था- ‘हमको बाबा बुलाए हैं. सब ठीक करने के लिए हमको जाना होगा. हम तीनों लालगंज या हिमालय जा रहे हैं. खोजने की कोशिश मत करना, क्योंकि हम जहर खरीद चुके हैं. खोजा तो हम जहर पीकर मर जाएंगे.’

आपस में तीनों किशोरियां सहेली हैं. 13 मई को तीनों घर छोड़कर आई थीं. एक किशोरी ने अपने घर पर बैग में चिट्ठी छोड़़ी थी, जिसमें लिखा था कि वह परमात्मा से मिलने जा रही हैं. मंगलवार को तीनों के स्वजन ने उनके बैग व कपड़े से पहचान की. तीनों लड़कियां 6 महीने पहले एक-दूसरे के कॉन्टेक्ट में आईं थीं. वो यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर सिर्फ धार्मिक और मोटिवेशनल प्रवचन सुनती थीं. कहती थीं कि शरीर नश्वर है. एक लड़की माही अपनी मृत मां की आत्मा से भी बात करने का दावा करती थी.

तीनों ने इस वर्ष नौवीं कक्षा पास की थी. थाना टाउन के एसआइ मोहन कुमार ने बताया कि माया की मां सोनी देवी ने 22 मई को टाउन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. गौरी के घर छोड़ने के बाद बैग में एक चिट्ठी मिली थी. इसमें लिखा था कि माया, गौरी व माही तीनों परमात्मा से मिलने के लिए किसी धाम जा रही हैं. घरवाले ढूंढने की कोशिश न करें. तीन माह बाद परमात्म से मिलकर लौट आएंगी.

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जानकारी के अनुसार माही के घर के बगल में दो सगी बहनें गौरी और माया रहती थीं. तीनों में अच्छी दोस्ती थी. माही बहुत छोटी थी, जब उसकी मां ने दुनिया छोड़ दी थी. मां की मौत के बाद माही के जीवन में भटकाव आने लगा. भक्ति में डूबी माही के दिमाग में यह बैठ गया कि यह शरीर नश्वर है. कभी मरता नहीं, अमरत्व प्राप्त करता है. धीरे-धीरे उसका धर्म और अध्यात्म की तरफ झुकाव हो गया. वह हमेशा कृष्ण भक्ति में डूबी रहती थी और सत्संग, भजन सुना करती थी. माही को देखकर गौरी और माया भी उसी के रंग में रंग गई थीं. वह दोनों भी माही के साथ सत्संग, भजन सुनने के साथ-साथ ध्यान लगाया करती थीं.

ऐसी हुई पहचान

गौरी के हाथ में मेहंदी से लार्ड युवराज लिखा था. माया के हाथ पर मेहंदी से एसबीजी लिखा था. माया की शर्ट पर ग्लोब टेलर मुजफ्फरपुर का स्टीकर मिला था. टेलर का स्टीकर मिलने के बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क किया था, तो जानकारी हुई कि 22 मई को वहां के टाउन थाने में स्वजन ने तीनों की गुमशुदगी दर्ज कराई थी.

सुसाइड नोट में लिखी ये बात

वहीं मथुरा पुलिस जब मुजफ्फरपुर में लड़िकयों के घर गई हुई थी तो पुलिस को वहां गौरी और माया के घर से दो लेटर भी मिले थे. माया के लेटर में लिखा था कि, “हिमालय में बाबा ने बुलाया है. सभी कष्ट दूर हो जाएंगे.” वहीं दूसरा लेटर गौरी का था. गौरी ने लिखा था कि, “सॉरी से कुछ नहीं होता. तुम मत मरना. तुम्हारी मौत से पहले मेरी मौत आ जाए. सॉरी मेरी वाइफ.”

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