कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रिटायर शिक्षिका के मामले में पिछले 6 वर्ष से जवाब पेश नहीं किए जाने के रवैये को गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यही नहीं सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जुर्माना राशि सहित जवाब पेश न किया गया तो आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा।

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याचिकाकर्ता कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला, जबलपुर से सेवानिवृत्त शिक्षिका सुनीता सिंघई की ओर से अधिवक्ता एसडी गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि रिटायरमेंट के समय याचिकाकर्ता का वेतनमान 70 हजार छह सौ रुपये था। सेवानिवृत्ति के तीन माह बाद पेंशन प्राधिकरण आदेश में वेतन घटाकर 65 हजार पांच सौ करते हुए चार लाख 51 हजार रुपये की रिकवरी निकाल दी गई।

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि अनावेदकों को जनवरी 2019 में नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। लेकिन 6 साल बाद भी विभाग के द्वारा कोई जवाब पेश नहीं किया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।   

Jabalpur Highcourt जबलपुर हाईकोर्ट

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