शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले की जांच जारी है।  हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच में अनफिट पाए गए 66 कॉलेजों पर राज्य सरकार ने ताला जड़ दिया है। वहीं जांच के नाम पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद सरकार और सख्त हो गई है। 

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दरअसल नर्सिंग घोटाले मामले में 14 रेवेन्यू अफसरों के खिलाफ एक्शन लेते हुए नोटिस जारी किया गया है। रेवेन्यू विभाग के प्रमुख सचिव ने अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। नर्सिंग कॉलेजों की गलत रिपोर्ट देने पर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। 

इन 14 भ्रष्ट अफसरों के नाम शामिल 

नर्सिंग कॉलेजों की गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले 14 राजस्व अधिकारी में  पल्ल्वी पौराणिक तत्कालीन तहसीलदार इंदौर, अंकिता यदुवंशी तत्कालीन नायब तहसीलदार विदिशा, ज्योति ढोके तत्कालीन नायब तहसीलदार जिला नर्मदापुरम्, रानू माल नायब तहसीलदार अलीरापजुर, अनिल बघेल नायब तहसीलदार झाबुआ, सुभाष कुमार सुनेरे तत्कालीन नायब तहसीलदार देवास, जगदीश बिलगावे नायब तहसीलदार जिला बुरहानपुर, यतीश शुक्ला नायब तहसीलदार रीवा, छवि पंत तत्कालीन नायब तहसीलदार छिंदवाड़ा, सतेन्द्र सिंह गुर्जर तत्कालीन नायब तहसीलदार जिला धार, रामलाल पगोर नायब तहसीलदार बुरहानपुर, जीतेन्द्र सोंलकी तत्कालीन नायब तहसीलदार झाबुआ, अतुल शर्मा तत्कालीन नायब तहसीलदार सीहोर और  कृष्णा पटेल, तत्कालीन नायब तहसीलदार खरगोन के नाम सम्मिलित है।

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बता दें कि इसमें सभी 14 अफसर तहसीलदार रैंक के रेवेन्यू अफसर है। वहीं सभी अधिकारी सीबीआई की जांच दल में शामिल थे। इसलिए इन सभी अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। फिलहाल नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच चल रही है। इसमें आगे और भी अफसरों पर गाज गिर सकती है।  

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