कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में निजी स्कूलों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। HC ने जांच कार्रवाई और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली खारिज कर दी है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों की याचिका निरस्त कर दी है। वहीं उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

दरअसल, जबलपुर जिले में प्रशासन ने अवैध रूप से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ एक्शन लिया गया था। किताब दुकान वालों पर भी कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इन स्कूलों ने चालू शैक्षणिक सत्र में छात्रों से अवैध रूप से 81.3 करोड़ रुपये का शुल्क वसूला है।

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जबलपुर कलेक्टर दीपक का कहना था कि अवैध रूप से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर अधिकारियों ने 11 विद्यालयों पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जिला प्रशासन ने गलतियां पाए जाने के बाद स्कूल पदाधिकारियों और पाठ्यपुस्तकों की दुकानों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की थी। कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्रवाई के खिलाफ स्कूलों का मैनेजमेंट हाईकोर्ट गया था। आपको बता दें कि अवैध फीस वसूली मामले में 11 स्कूलों से जुड़े 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

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