डॉ. वैभव बेमेतरिहा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में साय सरकार 6 महीने का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. 6 महीने में साय सरकार में कई बड़े वादों को पूरा किया गया है. महतारी वंदन से लेकर 31 सौ में धान खरीदी, 300 बोनस, बिरनपुर और पीएससी मामले की सीबीआई जांच जैसे बड़े वादें शामिल हैं. इन वादों के बीच छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में 11 सीटों के लिए लोकसभा का चुनाव भी संपन्न हो चुका है. परिणाम 4 जून को आएगा, लेकिन साय सरकार और प्रदेश भाजपा पूरी तरह से आश्वस्त है कि जीत 11 शून्य से होगी. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को भी यही भरोसा है कि जीत 11 शून्य से होगी, कांग्रेस के लिए किसी भी सीट पर कोई गुंजाइश नहीं है.

lalluram.com से विशेष बातचीत में गृह, पंचायत, तकनीकी शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने चुनाव, साय सरकार, नक्सल नीति, विपक्ष के आरोपों और चुनौतियों पर विस्तार काफी कुछ कहा है. उन्होंने भूपेश बघेल की उस चुनौती को भी साबित करने की बात कही, जिसमें बघेल ने मुस्लमानों को ओबीसी आरक्षण देने और बाहरी मुस्लमानों को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा बसाने की बात कही गई है. उपमुख्यमंत्री शर्मा साय सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहते हैं कि बीते 6 महीने के कार्यकाल में जो भी कुछ हुआ है वह सब जनता के सामने हैं. इसे दोहराने की जरूरत नहीं. भाजपा सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों से 5500 रुपये मानक बोरा में खरीदी की बात कही थी, उसे भी पूरा कर दिया गया है.

गौवंश अभ्यारण्य

विजय शर्मा ने कहा, साय सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है. इस योजना का नाम है गौवंश अभ्यारण्य. योजना का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. जल्द ही जमीन पर इसमें काम होते दिखेगा. अभ्यारण्य में गौ सेवा के लिए सारी व्यवस्था होगी. चारा और पानी के साथ-साथ, जंगलनुमा वातावरण, देखभाल के लिए सेवकों की टीम, उपचार के लिए चिकित्सकों की टीम अभ्यारण्य में तैनात रहेगी. अभ्यारण्य को 50 से 100 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा.

गौठनों का क्या?

अभ्यारण्य तो ठीक लेकिन सवाल था भूपेश सरकार में बने गौठानों का क्या होगा ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गौठानों का संचालन पंचायतों के माध्यम से परंपरागत होते रहेगा. कांग्रेस की सरकार ने इसमें कुछ खास काम किया होगा ऐसा नहीं है. गौठानों में तारघेरा और कुछ पक्के निर्माण कार्य हुए, लेकिन वह सब भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गए. गौठान तो हर गांव में पहले से ही होते रहे हैं. गांवों में परंपरानुसार जिस तरह से गौठानों का उपयोग होता रहा वैसे ही होते रहेगा.

डिजिटल पंचायत

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, साय सरकार में अभी पंचायतों को कैसे मजबूत और आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया जाए इस पर जोर दिया जा रहा है. जिला पंचायत के सदस्य रहते मैंने पंचायतों की जरूरतों और कमियों को करीब से देखा है. अब जब मैं सरकार में मंत्री हूं और विभागीय मंत्री हूं तो मेरी जिम्मेदारी इस दिशा में और बढ़ गई है. पंचायत और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साझा प्रयासों पर सभी पंचायतों को डिजिटल करने पर जोर दिया जा रहा है. मैंने 3 महीने का एक लक्ष्य रखा है, जिसमें यह प्रयास है कि 80 प्रतिशत पंचायतों को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया जाए. इंटरनेट के माध्यम से हर गतिविधियों का संचालन पंचायतों के माध्यम से हो सके. सीएम से लेकर पीएम तक संवाद का कार्यक्रम ग्राम पंचायतों में बैठे-बैठे हो जाए. वहीं एक प्रयास तकनीकी शिक्षा को नवीन व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से गांव-गांव तक ले जाने की है. इस दिशा में आईटीआई में नए ट्रेड शुरू करने के साथ हुआ है. प्रयास यही है कि दैनिक जीवन और रोजागर से जुड़ा हुआ काम हो.

सरपंचों को अधिकार

विजय शर्मा का कहना है कि ग्रामीण विकास में पंचायतों की भूमिका सबसे अधिक है, लेकिन इसके लिए जरूरी पंचायतों की स्वतंत्रता और सरपंचों का अधिकार है. पंचायत मंत्री शर्मा कहते हैं कि पंचायतों को और अधिकार संपन्न बनाने की आवश्यकता है. पंचायती राज में कई और सुधार की आवश्यकता है. सरपंचों को ग्रामीण विकास कार्य कराने का कुछ स्वतंत्र अधिकार भी मिलना चाहिए. जैसे- गांव में सीसी और नाली निर्माण का अधिकार तो सरपंचों के पास सीधे तौर पर होना चाहिए. इसके लिए राशि भी तय कर दी जानी चाहिए. साथ ही 15वें वित्त की राशि को और बढ़ाई जानी चाहिए. इससे पंचायतों में काम तेज गति से होगा.

गांव का सौहार्द

विजय शर्मा कहते हैं कि गांव-गांव का सौहार्द बिगड़ गया है. सबसे पहले इसे ठीक करने की जरूरत है. ये क्यों हुआ और कैसे हुआ है इसे समझना होगा ? इसके पीछे वे बाहरी लोगों की गांवों में हुई घुसपैठ को जिम्मेदार मानते हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि बिरनपुर की घटना के पीछे भी यही कहानी है. इसलिए आने वाले समय में एक समिति बनाकर इस पर काम किया जाएगा. हालांकि वे सीधे तौर पर किसी धर्म का विशेष का नाम नहीं लेते, लेकिन उनका इशारा किस ओर यह समझा जा सकता है.

बघेल की चुनौती

चुनाव से पहले ही छत्तीसगढ़ में रोहंगिया मुस्लमानों का मुद्दा खूब गूंजा था. भाजपा का आरोप था ऐसे लोगों को बसाने का काम कांग्रेस सरकार ने किया था. इसी बीच अब विजय शर्मा के इस बयान राजनीति और गर्म है कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में धर्म विशेष के लिए लोगों आरक्षण देने के लिए फर्जी जाति प्रमाण-पत्र बनाए गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर विजय शर्मा को चुनौती दी है कि एक भी प्रकरण ऐसा है तो साबित करें. बघेल की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए गृहमंत्री शर्मा ने भी कह दिया कि एक नहीं 100 साबित करके दिखाऊंगा. वे कहते हैं कि बड़े पैमाने पर निकाय क्षेत्रों में विशेष समुदाय के लोगों को लाभ पहुँचाया गया है. मेरे अपने कवर्धा क्षेत्र में तो यह भी अन्य क्षेत्रों में ऐसे प्रकरणों की शिकायतें है. धर्म के आधार पर आजादी की व्यवस्था नहीं दी जा सकती.

नक्सलियों से सुझाव

गृहमंत्री शर्मा नक्सलियों से लिए जा रहे सुझाव के सवाल पर कहते हैं इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है. गूगल फार्म के जरिए हमारे पास कई सुझाव आ रहे हैं. और बड़े महत्वपूर्ण रूप से आ रहे हैं. मैंने बस्तर का दौरा किया है, गांवों में गिया हूँ. आत्म समर्पित नक्सलियों से बातचीत की. स्थानीय पत्रकारों से मिला हूँ. दावें के साथ कह सकता हूँ. नक्सलियों में 95 प्रतिशत लोग हमारे अपने हैं. समाज की मुख्यधारा से उन्हें जोड़ने का काम किया जा रहा है. क्योंकि जो हिंसा के पक्षधर नक्सली उनका काम वसूली करना है. कर्मचारियों, ठेकेदारों, छात्रवासों से वसूली कर कैडर चला रहे हैं. ऐसे नक्सलवाद पर हमारा ऑपरेशन भी जारी है. लेकिन बातचीत का भी ऑपर हमने दिया हुआ है. सरकार बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. नक्सलियों के साथ-साथ सामाजिक संगठन, मावन अधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों के साथ भी चर्चा करेंगे. हमारा लक्ष्य माओवाद को समाप्त कर बस्तर में शांति स्थापित करने की है.

फर्जी मुठभेड़ का आरोप

गृहमंत्री शर्मा फर्जी मुठभेड़ के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं. उनका कहना है कि विपक्ष की ओर से जो आरोप लगाए जा रहे यह सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने वाला है. पुख्ता इनपुट के आधार पर ही जवाबी कार्रवाई की गई है, की जा रही है. मुठभेड़ कहीं भी गांव में नहीं हुआ. जंगल के अंदर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है. साय सरकार में आने के बाद अभी तक 72 मुठभेड़ हो चुके हैं, तो क्या 72 की जांच कराए ? नक्सलियों ने खुद स्वीकार किया है मारे जाने वाले नक्सली हैं. ऐसे में विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए, सरकार के साथ मिलकर बस्तर में शांति के लिए जोर देना चाहिए.

कानून व्यवस्था

कानून व्यवस्था के सवाल पर कहते हैं पिछली सरकार की तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल नहीं चल रहा है. बार-बार बदलाव की जरूरत जिलों में नहीं पड़ रही है. अधिकारियों को काम करने दिया जा रहा है. अधिकारियों पर भरोसा जताया जा रहा है. उन्हें आजादी के साथ काम करने का अवसर दिया जा रहा है. साय सरकार आने के बाद कानून व्यवस्था मजबूत हुई है. चाकूबाजी की घटनाएं कम हो गई है. आपारिधक गतिविधियों पर लगाम लगा है. नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. सरकार बेहतर पुलिसिंग और मजबूत व्यवस्था देने के लिए संकल्पबद्ध है और यह जमीन पर दिख भी रहा है.

इसके साथ ही विजय शर्मा महादेव एप, सीबीआई जांच, ईओडब्लू से जुड़े सवालों पर कहते हैं कि महादेव एप की कई आईडी है. सरकार की ओर से मामले की जांच जा रही है. एफआईआर दर्ज की गई है. जो पूर्व की घटनाएं उस पर कोर्ट के निर्णय का इंतजार हैै. वहीं बिरनपुर की घटना पर कहते हैं कि सीबीआई जांच की शुरुआत हो गई है. सीबीआई सारे तथ्यों का पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देगी. लेकिन घटना क्यों हुई है ? इसके पीछे क्या सामाजिक कारण रहे इसकी पड़ताल सरकार एक समिति बनाकर भी करेगी. क्योंकि समाज और समुदाय के बीच सदभाव जरूरी है. वहीं पीएससी घोटाले पर भी सीबीआई जांच जारी है. मामले में जो भी आरोपी हैं, छोटे हो या बड़े कार्रवाई तो सब होगी. गुनाहगार कोई भी बचेगा नहीं. वहीं ईओडब्लू की ताबातोड़ कार्रवाई पर कहते हैं कि कांग्रेस सरकार में इस महत्वपूर्ण एजेंसी को शून्य कर दिया गया है. भ्रष्टाचारियों पर एक्शन जरूरी है और यह आपको दिख भी रहा होगा.

4 जून, 11 शून्य

लोकसभा चुनाव परिणाम पर विजय शर्मा का स्पष्ट दावा है कि भाजपा 11 की 11 सीटें जीत रही है. जनता को भरोसा मोदी और साय की गारंटी पर है. जनता तीन चरणों के चुनाव में मुहर लगा दी है. परिणाम 4 जून को सबके सामने होगा. कांग्रेस के लिए फिलहाल राज्य में कहीं कोई गुंजाइश नहीं है. जहां तक भूपेश बघेल का सवाल है, तो उन्हीं के कारण तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है, तो अब वे खुद कैसे जीतेंगे ? कांग्रेस के कार्यकर्ता भी जानते हैं कि परिणाम क्या आने वाला है.

बातचीत के अंत में कहते हंसते-मुस्कुराते कहते हैं मैं एक विजन लेकर चल रहा हूँ. विजन बहुत साफ है छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा. छत्तीसगढ़ियों का हित. सहज और सरल रहकर राजनीति, मंत्री होने के अहंकार से दूर रहना और जनता के बीच जनता की तरह रहकर कार्य करते रहना. हालांकि जल्दी क्रोधित होने के सवाल पर खिलखिलाकर हँसते हुए कहते हैं, कि मैंने बहुत अब इस पर नियंत्रण पा लिया है. कमी बताते रहे, सुझाव देते रहिएगा.

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