लुधियाना. मतदान को लेकर लोगों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है। बेहद उम्रदराज लोग भी सुबह से ही मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं। लोगों की सुविधा को देखते हुए चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और विकलांगों के लिए घर से ही मतदान करने का विकल्प भी रखा था लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह विकल्प सिर्फ विकल्प बन के रह गया। इसका बड़ा उदाहरण देखने के लिए मिला है जिसकी जानकारी एक अर्थशास्त्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है।

96 वर्षीय पंजाब के अर्थशास्त्री व पूर्व वाइस चांसलर सरदारा सिंह जौहल ने इन चुनावों में अपना वोट न दे पाने पर नाराजगी जताई है। सरदारा सिंह जोहल ने एक टवीट के जरिए कहा कि 96+ की उम्र में मैंने घर से ही मतदान करने का विकल्प चुना, क्योंकि मैं कतार में खड़ा नहीं हो सकता। दुर्भाग्य से, किसी ने मेरा वोट लेने की परवाह नहीं की! मैं बेहद दुखी हूँ।

सोचने की बात यह है कि चुनाव आयोग की इस पहल का कितने ऐसे लोग होंगे जो उपयोग नहीं कर पाए होंगे और अपने मताधिकार का प्रयोग भी नहीं कर पाए होंगे। आपको बता दें कि विकलांग और वृद्धो के लिए यह सुविधा दी गई थी कि उनका मतदान लेने के लिए लोग उनके घर तक जाएंगे उन्हें पोलिंग बूथ तक नहीं आना पड़ेगा। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन भी कराया गया था।

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक