वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कोटा के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित प्राथमिक शाला धरमपुरा अधिकारी और ठेकेदार के लिए कमाई का जरिया बन गया है. स्कूल का शेड उड़ जाने पर इसे बनाने के लिए रकम निकाली जाती है. लेकिन कुछ महीनों में ही वह शेड फिर तेज हवा उड़ जाता है. ऐसा कई बार हुआ लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे. इस तरह की नजरअंदाजगी ने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
जिले के कोटा के शासकीय प्राथमिक शाला धरमपुरा में 159 बच्चे पढ़ते हैं. पहाड़ीनुमा ऊंचाई पर स्कूल भवन होने से तेज हवा सेड को उड़ा ले जाती है. ऐसा एक बार नहीं हुआ है, बल्कि कई सालों से ये घटना बार-बार होती आ रही है. तेज हवा चलने से स्कूल में लगी शेड उखड़कर बाहर गिर जाती है और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर होते हैं. हालांकि अब तक हुई घटनाओं से कभी किसी बच्चे, शिक्षक या स्थानीय लोग आहत नहीं हुए. लेकिन बार-बार उड़ रहे टीन की शीट की वजह से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
मिली जानकारी अनुसार, जिला प्रशासन ने डीएमएफ मद से जर्जर स्कूल भवन के मरम्मत कार्य के लिए वर्ष 2024-25 में लगभग 9 लाख रुपये स्वीकृत किए. प्रशासन ने इस काम का जिम्मा नगर पंचायत कोटा को दिया. नौ लाख रुपए में पूरे स्कूल भवन के छत को तैयार किया जा सकता है, लेकिन अधिकारी ने काम की स्वीकृति में छत की ढलाई न करते हुए सिर्फ टीन के शीट लगाने का प्रस्ताव किया है. अब ठेकेदार फिर से शेड लगाने का काम कर रहे.
बहरहाल देखना होगा कि दोषियों पर कार्रवाई की बात कहने वाले अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं. साथ ही भ्रष्टाचार का खेल खेलने वालों पर किस तरह की कार्रवाई की जाती है.
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