सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब में एक युवक की डूबने से मौत हो गई है. युवक के तालाब में डूबने की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने SDRF के गोताखोरों की मदद से युवक के शव को पानी से बाहर निकाला. इस दौरान तालाब के आसपास लोगो की भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई थी. पुलिस के मुताबिक मृतक युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है. युवक ने आत्महत्या की नियत से तालाब में छलांग लगाई या फिर इसकी कुछ और वजह है पुलिस इसकी जांच में जुट गई है.

एसडीआरएफ के जवान नारायण प्रधान और महेश कुमार सोनी ने बताया कि लगभग पांच बजे हमें जानकारी मिली उसके बाद हम तेलीबांधा तालाब मौक़े पर पहुंचे. इस दौरान एसडीआरएफ के दो स्कूबा डायवर देव करण और डीहू राम तेलीबांधा तालाब में उतरे थे. दोनों ने करीब आधा घंटे तक ढूंढने के बाद युवक को तालाब से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

तालाब में कई मौतों के बावजूद नहीं है सुरक्षा के कोई इंतजाम

बता दें कि तेलीबांधा तालाब में अब तक कई मौत होने के बावजूद अब तक सुरक्षा के मद्देनज़र कोई व्यवस्था नहीं की गई है. आज फिर एक युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक गुजरात की कंपनी को तेलीबांधा तालाब का ठेका में दिया गया है. तालाब के चारों तरफ़ मेला-ठेला लगाकर भीड़ तो एकत्र की जाती है, लेकिन सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है.

पैसा कमाने में मस्त, मौत के लिए कौन ज़िम्मेदार ?

तेलीबांधा तालाब के चारों तरफ़ चौपाटी बनाकर ठेका दिया गया है. करोड़ों रुपयों की कमाई हो रही है, लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. अब सवाल उठता है कि इस मौत के लिए निगम के अधिकारी ज़िम्मेदार है ? या फिर ठेका कंपनी ?

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी ?

निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि यह घटना कैसी हुई इसकी जांच की जाएगी. उन्होने बताया की तेलीबांधा तालाब को ठेके पर दिया गया है. ठेके के अनुसार कंपनी को तालाब में सुरक्षाकर्मी रखने का भी प्रावधान हैं.

रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने इस मामले की जांच की बात कही है. मामले की जांच करेंगे और सुरक्षा के लिए और क्या कुछ कर सकते हैं इस पर आगे विचार कर क़दम उठाया जाएगा.

अगर ऐसा होता तो नहीं होती मौत !

तेलीबांधा तालाब में कई मौतों के बाद भी सुरक्षा को ताक में रखा गया, अगर आज मौके पर गोताखोर या ठेका कंपनी के सुरक्षा गार्ड मौके पर मौजुद होते तो युवक की जान बचाई जा सकती थी. तेलीबांधा तालाब में मेला-ठेला और चौपाटी के कारण हर रोज हज़ारों लोग तेलीबांधा तालाब घूमने आते हैं. इस दौरान तालाब में गिर जाना, आत्महत्या की नीयत से कुद जाना जैसी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती हैं.

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