कुमार इंदर, जबलपुर. स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही है. आज और कल 2 दिन तक चलने वाली सुनवाई में तय किया जाएगा कि केंद्र सरकार द्वारा सिमी पर लगाया गया 5 साल का प्रतिबंध जारी रखा जाए या नहीं.

दरअसल, सिमी पर प्रतिबंध को लेकर सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल बनाया गया है. जिसके प्रथम पीठासीन अधिकारी दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव को बनाया गया है. जस्टिस कौरव परीक्षण करेंगे कि सिमी संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं. आज और कल जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव यह देखेंगे कि सिमी पर सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध उचित है या नहीं.

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हाल ही में सरकार ने सिमी पर बढ़ाया था प्रबंध

बता दें कि हाल ही में जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने सिमी संगठन का प्रतिबंध पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध की सुनवाई के लिए एक ट्रिब्यूनल बनाया है, जिसके पहले पीठासीन अधिकारी जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव को बनाया गया है.

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साल 2001 में पहली बार लगा था प्रतिबंध

गौरतलब है कि देश में कुल 44 संगठनों को UAPA 1967 की धारा 35 के तहत बैन किया गया है. जिसके तहत सिमी को पहली बार 27 सितंबर 2001 को बैन किया गया था, सिमी पर पहली प्रतिबन्ध लगाय गया था, उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी. उसके बाद से सिमी पर लगातार प्रतिबंध बढ़ाया जाता जा रहा है.

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