कुमार इंदर, जबलपुर। नीट परीक्षा को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच जबलपुर की छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट (NEET) परीक्षा को लेकर कई गड़बड़ियों का हाल ही में खुलासा हुआ है। याचिका में नीट परीक्षा 2024 में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता को 720 में से 615 अंक हासिल हुए
छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि, उसने नीट 2024 की यूजी परीक्षा दी थी और उसे 720 में से 615 अंक हासिल हुए हैं जबकि उसे 700 से भी ज्यादा नंबर मिलने की उम्मीद थी। याचिका में हवाला दिया गया है कि एक कोचिंग सेंटर के आठ छात्रों के नाम व रोल नंबर एक समान दिए गए हैं। बताया गया है कि सभी छात्रों को परीक्षा में शत प्रतिशत अंक मिले हैं इसके अलावा याचिका में एक ही कोचिंग संस्थान के 6 छात्रों को शत प्रतिशत अंक और दो को 718 और 719 अंक प्राप्त होने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
नीट परीक्षा परिणाम की गड़बड़ी व्यापमं से कई गुना बड़ा
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अब तक व्यापमं घोटाला ही हुआ था लेकिन 2024 नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी व्यापमं से कई गुना बड़ा है और इसे व्यापमं का बाप कहा जा सकता है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि परीक्षा परिणाम जारी करने में करोड़ों रुपयों का लेनदेन हुआ है। उन्होंने कहा है कि आज तक के इतिहास में नीट परीक्षा में टॉपर आने वाले तीन छात्रों को ही 720 अंक मिले थे लेकिन 2024 की परीक्षा में 67 ऐसे छात्र हैं जिन्होंने 720 में से 720 नंबर हासिल किए हैं।
उत्तर पुस्तिका में गोले लगाने परीक्षा में सम्मिलित किया
इसके अलावा माइनस मार्किंग का जिक्र करते हुए कहा कि अगर परीक्षार्थी ने एक भी गलत उत्तर दिया है तो उसके चार नंबर काटने का प्रावधान है लेकिन परीक्षा के परिणाम में छात्रों को 717, 718 और 719 नम्बर तक दिए गए हैं जिससे भारी गड़बड़ी की आशंका पैदा हो रही है। उनका कहना है कि परीक्षा परिणाम के सामने आने से ऐसा लगता है कि पहले से ही परीक्षा में गड़बड़ी की साजिश रची गई थी, पहले पेपर दिए गए थे और केंद्र भी बना दिए गए थे और छात्रों की मिलीभगत कर उन्हें उत्तर पुस्तिका में गोले लगाने के लिए ही परीक्षा में सम्मिलित किया गया है।
फिर से टेस्ट लेने और एडमिशन पर स्टे लगाने की प्रार्थना
अधिवक्ता ने हरियाणा के छात्रों के गुजरात में जाकर परीक्षा देने और गुड़गांव के छात्रों के झज्जर के परीक्षा केंद्र में शामिल होने का भी जिक्र किया है। याचिका में नेशनल मेडिकल काउंसिल, मध्य प्रदेश सरकार और नीट की परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को पार्टी बनाया गया है। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही फिर से टेस्ट लेने और एडमिशन पर स्टे लगाने का अनुरोध किया गया है।
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