समय-समय पर चुनाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन चुनावी किस्से बड़े दिलचस्प होते हैं… कई दफा देखा गया है कि प्रत्याशियों के हार जीत पर लोगों द्वारा अजीब-अजीब शर्तें लगाई जाती हैं… जिसमें कोई गच्चा खा जाता है तो कई मालामाल हो जाते हैं. हाल ही में लोकसभा चुनाव समाप्त हुआ, उसका रिजल्ट भी आ गया… और अब बीजेपी ने सरकार भी बना ली, लेकिन मध्य प्रदेश से एक बेहद दिलचस्प चुनावी मामला सामने आया है. आइए पूरी कहानी समझाते हैं आपको…
दरअसल, मध्य प्रदेश की 29 सीट पर भी लोकसभा चुनाव हुआ. यहां बीजेपी क्लीन स्वीप करते हुए सभी 29 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की है. कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई. खैर..! कांग्रेस ने 27 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी जंग के मैदान में उतारे थे, लेकिन एक पर भी ये पहलवान बीजेपी को पटखनी नहीं दे पाए…इन्हीं पहलवानों में से एक थे दिग्विजय सिंह… जिन्हें ‘दिग्गी राजा’ भी कहते हैं.
दिग्गी राजा राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रह थे. जिन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन… जे बात तो अपनी जगह है. यहां एक अजब-गजब मामला सामने आया है. दरअसल, दिग्विजय सिंह की हार और जीत को लेकर उनके संसदीय क्षेत्र में 2 ग्रामीणों के बीच सार्वजनिक रूप से मुंडन कराने और गांव छोड़ने की शर्त लगी थी.
वकील और सरपंच में लगी थी शर्त
बता दें कि दिग्विजय सिंह की जीत और हार को लेकर संसदीय क्षेत्र के ब्यावरा विधानसभा सीट के ग्राम पंचायत बेलास में सरपंच और वकील के बीच शर्त लगी थी. सरपंच ने कहा था कि दिग्विजय सिंह नहीं जीते तो वह सारे गांव के सामने मुंडन करा लेंगे. जबकि वकील ने कहा था कि यदि रोडमल नागर चुनाव हार गए तो वह गांव छोड़ देंगे.
सरपंच ने सार्वजनिक चौक पर मुंडवाया सिर
अब होना क्या था… दिग्गी राजा चुनाव हारे तो गांव के सरपंच भी शर्त हार गए. सरपंच ने सभी गांव वालों के सामने मुंडन कराया है. सरपंच ने गोया में स्थित सार्वजनिक चौक पर सरपंच करण सिंह ने अपने वादे के मुताबिक सार्वजनिक रूप से मुंडन करवाकर वादा पूरा कर दिया, जिसका गांव के प्रमुख लोग दर्शक बने. मुंडन का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
वकील साब को नहीं छोड़ना पड़ा गांव
इधर, बीजेपी के रोडमल नागर चुनाव जीत गए. अगर नागर चुनाव हार जाते तो गांव के एक वकील साब को गांव ही छोड़ना पड़ता है… हालांकि वकील साब का सरपंच से शर्त हारना भी अच्छा रहा… नहीं तो गांव छोड़कर जाना पड़ सकता था. वकील साब की शर्त थी कि यदि रोडमल नागर चुनाव नहीं जीते तो वह गांव छोड़कर चले जाएंगे.
क्या कहता है चुनाव परिणाम
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. अभी राज्यसभा सांसद हैं… उन्हें कांग्रेस ने राजगढ़ लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था. जबकि बीजेपी ने उनके सामने दूसरी बार रोडमल नागर को टिकट दिया था. राजगढ़ सीट दिग्विजय सिंह परिवार का गढ़ है. इस सीट पर स्वयं दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह सांसद रह चुके हैं. लेकिन इस चुनाव में दिग्विजय सिंह एक लाख से अधिक वोटों से हार गए.
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