Rajasthan News: जयपुर. केंद्रीय राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने का झांसा देकर पांच करोड़ रुपए की ठगी के मामले में मानसरोवर थाना पुलिस ने दिल्ली के व्यापारी नवीन गोयल को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है.

जैसे ही पुलिस कार्रवाई की भनक लगी, मुख्य आरोपी राजकुमार शर्मा और मनोज शर्मा भूमिगत हो गए. राजकुमार शर्मा ने हाल ही में आमेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक का चुनाव लड़ा था. थाना प्रभारी राजेन्द्र गोदारा ने बताया कि यह मामला कोर्ट के आदेश पर फिर से खोला गया था. जांच में परिवादी के आरोप सही पाए गए. इसके आधार पर पुलिस टीम दिल्ली भेजी गई, जहां से आरोपी नवीन गोयल को गिरफ्तार किया गया. अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

वेयरहाउस चेयरमैन बनाने का फर्जी नियुक्ति पत्र

पुलिस के अनुसार, सीताराम शर्मा ने आरोप लगाया कि राजकुमार शर्मा और मनोज शर्मा ने केंद्र में राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने का झांसा देकर सुभाष शर्मा से उनकी मुलाकात कराई. उन्होंने दिल्ली निवासी नवीन गोयल से भी मिलवाया और वेयरहाउस चेयरमैन बनाने और राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने का वादा किया. आरोपियों ने दिल्ली में एक पूर्व मंत्री के भाई से भी मुलाकात कराई. इसके बाद, राज्य मंत्री बनने के लिए आरटीजीएस और चेक के माध्यम से उनके बैंक खातों में पांच करोड़ रुपए जमा कर दिए. आरोपियों ने राशि प्राप्त करने के एक माह बाद पीड़ित को वेयरहाउस चेयरमैन बनाने का फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया. कुछ दिनों बाद ही दिल्ली पुलिस ने केंद्र सरकार के निर्देश पर सीताराम के खिलाफ फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने का मुकदमा दर्ज किया, तब सीताराम को ठगी का पता चला.

आरोपियों के खिलाफ मुकदमा

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद, 2016 में नारायण बिहार निवासी सीताराम शर्मा ने मानसरोवर थाने में राजकुमार शर्मा, मनोज शर्मा, नवीन गोयल और सुभाष शर्मा के खिलाफ इस्तगासे से मुकदमा दर्ज कराया. हालांकि, आरोपियों से मिलीभगत के कारण पुलिस ने मामले में एफआर लगा दी थी. इसके चलते पीड़ित सीताराम ने कोर्ट में निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद पुलिस को मामले की पुनः जांच के निर्देश दिए. प्रकरण फिर से खुलने के बाद जांच में पीड़ित के आरोप सही पाए गए हैं.

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