Delhi water Crisis: दिल्ली जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (मंगलवार) को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल याचिका में दिल्ली की आप सरकार (AAP government) की ओर से त्रुटियां नहीं दूर करने पर भड़कते जमकर खरी-खोटी सुना दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें कभी हल्के में नहीं लीजिए। आपका मामला चाहे जितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अदालत की कार्यवाही के बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं। मामले की सुनवाई अब बुधवार (12 जून) को होगी।

PM Modi ने राज्य सरकारों के लिए खोला खजाना, यूपी को 25,069 करोड़ तो बिहार को 14,000 करोड़ रुपये दिये, जानें MP और छत्तीसगढ़ को कितना पैसा मिला

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के दौरान जल संकट को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा दिये गये अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिका में मौजूद त्रुटियां नहीं दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमारे बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं।

Modi Minister Education: मोदी के मंत्रिमंडल में 10वीं से लेकर MBA, MBBS, B.Tech, LLB पढ़े मंत्री, एक कैबिनेट मंत्री तो 12वीं पास, मोदी 3.0 में कौन क‍ितना पढ़ा ल‍िखा, यहां देखें सारी ड‍िटेल

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल याचिका में त्रुटियों के कारण रजिस्ट्री में हलफनामा स्वीकार नहीं किया गया। बेंच ने कहा कि आपने त्रुटियां क्यों नहीं दूर कीं? हम याचिका खो खारिज कर देंगे। पिछली तारीख पर भी त्रुटियां गिनाई गई थीं और आपने इन्हें दूर नहीं किया। आपका मामला चाहे जितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अदालत की कार्यवाही के बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं।

RSS Chief मोहन भागवत ने मोदी सरकार को दिखाया आईना, कुछ ऐसा कहा कि मच गई खलबली, क्या ये BJP-RSS में पड़ने वाली दरार की है शुरुआत?

बेंच ने सुनवाई करते हुए ये कहा

बेंच ने मामले की सुनवाई 12 जून के लिए स्थगित करते हुए कहा कि हमें कभी हल्के में नहीं लीजिये। दस्तावेजीकरण स्वीकार नहीं किया जा रहा।आपने अदालत में सीधा दस्तावेजों का पुलिंदा रख दिया और कह रहे हैं कि आप पानी की कमी से जूझ रहे हैं तथा आपने खुद ही आज एक आदेश पारित कर दिया। आप सभी तरह की तात्कालिकता जता रहे हैं और खुद आराम से बैठे हैं। सब कुछ रिकॉर्ड पर आ जाने दीजिए। हम इस पर बुधवार को सुनवाई करेंगे।

Monsoon Update: मानसून को लेकर आया बड़ा अपडेट, IMD ने बताया इन राज्यों में होगी भारी बारिश, UP-बिहार से दिल्ली तक गर्मी का जारी रहेगा कहर

पानी पर राजनीति नहीं करने की दी सलाह

वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि खामियों को दूर कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व में कहा था कि दिल्ली में पेयजल की गंभीर कमी एक ‘अस्तित्व संबंधी समस्या’ बन गई है और हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया था ताकि पानी का प्रवाह सुगम हो सके। न्यायालय ने यह भी कहा कि पानी को लेकर किसी प्रकार की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। एक क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) प्रति सेकंड 28.317 लीटर द्रव के प्रवाह के बराबर होता है।

Minister Salary: कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री को कितनी मिलती है तनख्वाह? जानते हैं कि इन तीनों में क्या अंतर होता है

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H