हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) मेयर पुष्यमित्र भार्गव (Pushyamitra Bhargav) ने स्मार्ट सिटी में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने गर्म तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मामला वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों के अनुबंध की अवधि बढ़ाने से जुड़ा है। महापौर ने कॉन्ट्रैक्ट निरस्त और दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया है। साथ ही उन्होंने सीएम मोहन को पत्र लिखकर इस मामले की जांच EOW या लोकायुक्त से कराने की मांग की है।

दरअसल, पूर्व निगमायुक्त प्रतिभा पाल और स्मार्ट सिटी के अफसरों वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को धता बताते हुए एजेंसी का अनुबंध 7 सालो के लिए बढ़ा दिया। जबकि एजेंसी का मूल अनुबंध पूरा होने में 3 साल से अधिक का समय बाकी था।

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मूल अनुबंध की शर्तो पर ही एजेंसी को कोरोना अवधि के 22 महीने के साथ 7 साल यानी लगभग 9 सालों तक काम करने का ठेका दे दिया गया। जबकि एजेंसी द्वारा निगम को देय रॉयल्टी की राशि करोड़ो रुपए बकाया थी। निगम की बकाया राशि को अनदेखा करते हुए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने एजेंसी को फायदा पहुंचाया।

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आम तौर पर शालीन और शांत रहने वाले मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने महापौर परिषद की शिकायत मिलते ही कलेक्टर को मामले की जांच कर गलत अनुबंध तत्काल निरस्त करने और दोषियों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। एजेंसी से बकाया वसूली के नोटिस भी जारी किए गए। यही नहीं मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि दोषी अधिकारियों की जांच EOW या लोकायुक्त से कराने और जनता के पैसे खाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

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