प्रयागराज. Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज में 2025 में लगने वाले महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है. महाकुंभ (Mahakumbh) 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ में इस बार भी तीन शाही स्नान होंगे. इधर, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव को और दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए शहर के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

द्वादश ज्योतिर्लिंगों का होगा दर्शन

प्रयागराज के बहुप्रसिद्ध मिन्टो पार्क में श्रद्धालुओं को द्वादश ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कराने का भी प्रबंध किया जा रहा है. पार्क के एक चिह्नित स्थल पर 12 दीवालों पर द्वादश ज्योतिर्लिंग चित्रित किए जाएंगे, जिससे कि आने वाले श्रद्धालुओं को उन सभी ज्योतिर्लिंगों का दर्शन उन दीवारों के माध्यम से कराया जा सके.

लैंड स्केपिंग एवं ग्रीनरी भी होगा

बताया जा रहा है कि आस-पास की जगह पर लैंड स्केपिंग एवं ग्रीनरी विकसित करने का कार्य भी कराया जाएगा. श्रद्धालुओं की जानकारी बढ़ाने के लिए वहां पर उन सभी ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी हुई जरुरी जानकारी भी लिखी जाएगी.

नक्षत्रों के हिसाब से लगाए जाएंगें 27 पौधे

साथ ही, मनुष्य जीवन में नक्षत्रों के हिसाब से प्रभाव डालने वाले वृक्षों की जानकारी के लिए भरद्वाज पार्क में नक्षत्र वाटिका की स्थापना भी की जाएगी. जहां 27 नक्षत्रों के हिसाब से 27 प्रकार के महत्वपूर्ण पौधे लगाए जाएंगें. लोग यहां आकर अपना नक्षत्रों के अनुसार पौधे की जानकारी हासिल कर सकेंगे.

108 स्तम्भ भी लगाए जाएंगे

जानकारी के मुताबिक अयोध्या में राममंदिर तक जाने वाले पहुंच मार्ग पर लगाए गए विभिन्न स्तंभों से प्रेरणा लेते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर फसाड लाइटिंग से सुसज्जित लगभग 108 स्तम्भ भी लगाए जाएंगे. इन्हें जीटी जवाहर से फोर्ट द्वार तक, सभी रिवर फ्रन्ट रोड्स के साथ अन्य प्रमुख मार्गों पर लगाया जाएगा.

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए लगेंगे 4 बड़े द्वार

साथ ही विभिन्न मार्गों से शहर में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए चार बड़े द्वार भी लगाए जाएंगे. जिसमें गंगा द्वार फाफामऊ साइड पर, यमुना द्वार को रीवा साइड पर, सरस्वती द्वार वाराणसी साइड पर एवं शिव द्वार सहसों साइड पर लगाया जाएगा.

12 साल बाद आयोजित होता है महाकुंभ

महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल के बाद किया जाता है. यह मेला दुनिया का सबसे विशाल, पवित्र, धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जोकि 45 दिनों तक चलता है. इस मेले में न सिर्फ भारत, बल्कि देश के अलग-अलग जगहों से श्रद्धालु हि्स्सा लेने के लिए पहुंचते हैं. ज्योतिष के अनुसार, जब मेष राशि के चक्र में देवताओं के गुरु बृहस्‍पति, सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब महाकुंभ मेले का आयोजन होता है. आखिरी बार 2013 में प्रयागराज में कुंभ मेला लगा था.

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