देव चौहान, भोजपुर (रायसेन)। मध्य प्रदेश की राजधानी से लगे औद्योगिक शहर मंडीदीप में 2 फैक्ट्रियों से 36 नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू किया गया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण विभाग ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कंपनी ने बचने के लिए बाहर बोर्ड लगाया हुआ था कि बाल श्रम अपराध है और उनके यहां कोई श्रमिक काम नहीं करता है। लेकिन फैक्ट्री के अंदर कानून को ताक में रख कर धड़ल्ले से बच्चों से काम करवाया जा रहा था। इनमें से एक कंपनी पारले जी बनाने का काम करती है जहां से 21 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। 

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दरअसल मंडीदीप के न्यू इंडस्ट्रियल एरिया की एल एम बेकर्स जहां पारले जी बनाया जाता है, और जी के इलेक्ट्रिकल्स कंपनी से 36 बाल श्रमिको को रेस्क्यू किया गया है। एक एनजीओ के माध्यम से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कार्रवाई करते हुए सभी का रेस्क्यू किया। इसके बाद बाल श्रमिकों को आयोग की टीम भोपाल ले गए। श्रमिकों की जांच करने पर 21 बाल श्रमिक पाए गए हैं।

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राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि छापामार कार्यवाही के दौरान 21 बाल श्रमिक पारले जी बिस्कुट बनाने वाली एल एम ब्रेकर्स कंपनी में काम करते पाए गए थे। इसकी सूचना मिलने पर यह कार्रवाई की गई। और सभी को रेस्क्यू किया गया। बता दें कि मंडीदीप में कई फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में आशंका है कि अन्य कई कंपनियों में भी बाल श्रम कराया जाता है। ऐसे में उनके ऊपर भी जांच की जा सकती है। 

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