उत्तर रेलवे के आलमबाग स्टोर डिपो में आरपीएफ के एएसआई के रिश्वत लेने के मामले में एक और जानकारी लल्लूराम को मिली है. लल्लूराम के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सीबीआई की जांच में उक्त आरपीएफ पोस्ट में पदस्थ इंस्पेक्टर की प्रापर्टी की भी जांच कर सकता है. सूत्रों का दावा है कि वहां राकेश कुमार ओझा पदस्थ है जो इस प्रकरण में अब अपने घर में ताला लगाकर कही चले गए हैं. इस पूरे मामले की आधिकारिक पुष्टि के लिए लल्लूराम ने कमांडेंट और एएससी को फोन किया, लेकिन दोनो ने फोन का जवाब नहीं दिया.

इस मामले में एसआईबी की टीम भी सवालों के घेरे में है, कि यदि उनके थानाक्षेत्र में यदि ऐसा चल रहा था तो इसकी एसआईबी रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई. सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि उक्त इंस्पेक्टर की पोस्टिंग में जोन के पूर्व आरपीएफ आईजी (रिटायर्ड) भी सवालों के घेरे में हैं. ये आरपीएफ के लिए जांच का विषय है कि उक्त इंस्पेक्टर की पोस्टिंग उक्त पोस्ट में कब और कैसे की गई ? सूत्रों का दावा है कि बिना टेंयूर उक्त इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की गई थी. हालांकि उक्त सभी दावों में कितनी सच्चाई है इसकी जांच आरपीएफ के करने के बाद ही पूरा मामला सामने आएगा.

लेकिन सीबीआई की कार्रवाई में ये स्पष्ट हो गया है कि आरपीएफ में इन दिनों रिश्वत के लेन-देन का लंबा खेल चल रहा है.

ये है रिश्वत का पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रेलवे के एक अफसर और आरपीएफ के एएसआई को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. अब सीबीआई की टीम इनके घर दबिश देने पहुंची हैं जहां जांच जारी हैं. पूरा मामला उत्तर रेलवे के आलमबाग स्टोर डिपो का है. यहां पदस्थ मुख्य डिपो अधीक्षक (CDMS) और उत्तर रेलवे में तैनात RPF के एक ASI ने रिश्वत की मांग की थी.

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक मुख्य डिपो अधीक्षक (CDMS) का नाम अविरल कुमार और आरपीएफ ASI मनोज कुमार राय बताया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त दोनो आरोपियों के खिलाफ 13 जून 2024 को केस दर्ज किया गया. जिसमें बताया गया कि रेलवे डिपो से खरीदे गए स्क्रैप को काटने, उठाने की अनुमति के लिए एक बार 12 हजार 800 रुपए और दूसरी बार 8 हजार 200 रुपए जुर्माना मांगा गया.

वहीं इस मामले में भी CBI ने जाल बिछाया और दोनों आरोपी एएसआई, आरपीएफ और सीडीएमएस को शिकायतकर्ता से क्रमशः 9 हजार और 8 हजार 200 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों के लखनऊ स्थित आवास पर तलाशी ली गई है और मामले की जांच जारी है.