लोकसभा चुनाव में अजित पवार की अगुवाई वाली NCP के खराब प्रदर्शन के बाद महायुती की सरकार में खटपट जारी है. इसी बीच अजित पवार ने स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ी वजह प्याज है. उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि महायुती की सरकार किसानों को संतुष्ट करने वाला कोई रास्ता नहीं निकाल पाई. इससे NDA गठबंधन को पुणे, नासिक, नगर और सालपुर 4 जिलों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
केंद्र ने नहीं सुनी बात
केंद्र सरकार को चुनाव से पहले ही जानकारी दी गई थी कि प्याज के मुद्दे का समाधान निकालना जरूरी है. अजित पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बीच ही प्याज का मुद्दा जोर पकड़ने लगा. प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की वजह से दाम कम हो गए थे और इससे किसान नाराज थे. केंद्र सरकार को हमने ऐसे उपाय बताए थे जिससे प्याज उत्पादक और उपभोग्ता दोनों ही खुश हो सकते थे. इस पर ध्यान ना देने की वजह से जलगांव और रावेर को छोड़कर नासिक, पुणे, नगर और सोलापुर की सीटों पर महायुती की सरकार को नुकसान झेलना पड़ा.
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान इस बारे में एक बार फिर से उन्होंने अमित शाह और पीयूष गोयल से बात की है. वहीं जब RSS के मुखपत्र में BJP की हार की आलोचना को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. पवार ने कहा कि वह नई उम्मीद के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगे और निश्चित तौर पर उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी. RSS के मुखपत्र में BJP की हार की वजह 400 पार के नारे को बताया गया था. वहीं NCP से गठबंधन को हार की वजह बताया गया था. NCP को इस बार लोकसभा चुनाव में केवल 1 सीट पर सफलता मिली है.
इस बार NDA ने महाराष्ट्र में 48 में से केवल 17 सीटें ही हासिल कीं. इनमें से 9 बीजेपी के खाते में, 7 शिवसेना शिंदे गुट के खाते में और 1 सीट NCP के खाते में गई है. वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने 48 में से 30 सीटें जीतीं. एकनाथ शिंदे ने भी स्वीकार किया कि किसानों की नाराजगी गठबंधन पर भारी पड़ी है. नासिक में प्याज ने रुलाया था तो मराठवाड़ा और बिदर्भ में सोयाबीन और कपास ने रुला दिया.
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