वृंदावन के रमणेरती मार्ग पर राधा निकुंज आश्रम में रहने वाले स्वामी प्रेमानंद की उम्र लगभग 60 वर्ष बताई जाती है।

उनके पिता शंभु पांडेय और माता रमा देवी ने उनका नाम रखा अनिरुद्ध पांडेय।

 13 साल की उम्र में उन्होंने ईश्वर के सच को समझने और जिज्ञासाओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए घर छोड़ दिया।

वाराणसी में शिव उपासना के दौरान उन्हें एक संत ने वृंदावन में जाकर राधा-कृष्ण की रासलीला देखने के लिए प्रेरित किया।

करीब एक महीने तक रासलीला देखने और उसकी परंपराओं को समझते-समझते वह उसमें रम गए।