वाशिंगटन। सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की कथित साजिश में शामिल भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया है. गुप्ता को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर पिछले साल जून में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. इसे भी पढ़ें : तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में आने वाले भक्तों को मिलेगा यादगार अनुभव, नए ईओ ने दिलाया भरोसा…
निखिल गुप्ता को सोमवार को न्यूयॉर्क की संघीय अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है. फेडरल ब्यूरो ऑफ प्रिजन्स की वेबसाइट पर दाखिल जानकारी के अनुसार, 52 वर्षीय गुप्ता को संघीय प्रशासनिक हिरासत केंद्र, ब्रुकलिन के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है.
इसे भी पढ़ें : ऊहापोह में फंसे बृजमोहन अग्रवाल को शिव डहरिया ने दिया बड़ा ऑफर, कहा- कांग्रेस में आ जाएं, जो चाहेंगे वो मिलेगा…
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार, गुप्ता चेक गणराज्य में हिरासत में लिए जाने के बाद सप्ताहांत में न्यूयॉर्क पहुंचा. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्यर्पित किए गए प्रतिवादियों को आमतौर पर देश में आने के एक दिन के भीतर अदालत में पेश होना पड़ता है. गुप्ता कथित तौर पर पिछले जून में भारत से प्राग गए थे, जहां उन्हें चेक अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था.
इसे भी पढ़ें : भू-माफिया के बुलंद हौसले, समाज के सैकड़ों साल पुराने मुक्तिधाम पर पर चला दिया ट्रैक्टर, थाने पहुंचे लोग…
पिछले महीने चेक कोर्ट ने अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए उनकी याचिका को खारिज कर दिया, जिससे चेक न्याय मंत्री के लिए उन्हें प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो गया. अमेरिकी संघीय अभियोजकों का आरोप है कि गुप्ता ने पन्नुन को मारने के लिए एक हत्यारे को काम पर रखा और 15,000 अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान किया. उनका आरोप है कि इसमें एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी शामिल था.
इसे भी पढ़ें : बलौदाबाजार कांड : भाजपा की जांच समिति पर कांग्रेस का तंज, कहा- यह सिर्फ ध्यानाकर्षण के लिए…
हालांकि, भारत ने मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए आरोपों की जांच शुरू की है. गुप्ता ने अपने वकील के माध्यम से आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर “अनुचित आरोप” लगाए गए हैं.
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, गुप्ता की वकील रोहिणी मूसा ने भारतीय सर्वोच्च न्यायालय को एक याचिका में लिखा है कि उनके मुवक्किल पर अनुचित तरीके से मुकदमा चलाया जा रहा है, जबकि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो याचिकाकर्ता को कथित पीड़ित की हत्या की कथित साजिश से जोड़ता हो.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक