रायपुर. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और मतदान के दिन ही अद्भुत नाजारा और चमत्कार भी देखने को मिला. लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने और मजबूत करने लिए किसी के माता-पिता ने दो दिन पहले जन्में बच्चे का नाम विधानसभा चुनाव के तर्ज पर ‘विधान’ रख लिया, तो कहीं पचास दिन कोमा में रहने के बाद भी युवक उठकर मतदान करने पहुंच गया. इस दौरान दोनों ही सख्स के चेहरे में मुस्कान औऱ उत्साह देखने को मिला.

विधानसभा चुनाव के तर्ज पर नाम रखा ‘विधान’

जशपुर जिले के पंडरापाठ मतदान केंद्र में मीना पहाड़िया ने अपने 2 दिन के नवजात शिशु को गोद में रखकर 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर मतदान केंद्र पहुंची. पंडारापाठ की रहने वाली मीना अपने नवजात बच्चे व पति के साथ पंडरापाठ के मतदान केंद्र 53 में पंहुचकर मतदान किया.

मीना पहाड़ी कोरवा जनजाति से है और वह मानती है वोट देकर अच्छी सरकार बनाना जरूरी है. इसलिए उसने कल एक बच्चे को जन्म देने के बाद आज उसे लेकर मतदान स्थल तक पंहुची और मतदान किया. मीना ने लोकतंत्र को मजबूत होने के तौर पर बच्चे का नाम विधानसभा चुनाव के तर्ज पर ‘विधान’ रख दिया है. जो वाकई काबिले तारीफ है.

50 दिन बाद कोमा से उठकर आया मतदान करने

कोरिया जिले के बैकुंठपुर के स्कूलपारा आंगनबाड़ी केन्द्र में 8 महीने तक अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने व 50 दिन तक कोमा में रहने वाले युवक हिमांशु मिश्रा ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. हिमांशु मिश्रा के परिजन ने बताया कि 14 मार्च को सड़क दुर्घटना में उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी. इससे उसके सिर का ऑपरेशन कराया गया और वह 50 दिन तक कोमा में चला गया था.

मार्च से जून तक युवक हॉस्पिटल में ही भर्ती था और अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सका है. मानसिक रूप से वह पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो सका है. उसके बावजूद उसने अपने मत का प्रयोग किया. उसने मतदान करने की जिद लगा रखी थी और मतदान तिथि को परिजन उसे मतदान केन्द्र लेकर पहुंचे और उसने मतदान किया.