155 लोको पायलट का तबादला: राउरकेला. चक्रधरपुर रेलमंडल के राउरकेल, बंडामुंडा और झारसुगड़ा समेत अलग अलग रेलखंड के कुल 155 लोकों पायलट संटर का तबादला रेलवे विभाग ने कर दी है. लोकों पायलट संटर का तबादले की सूची सामने आते ही विभागीय कर्मचारियों के बीच खलबली मच गई. तबादले के बाद जंहा कुछ लोको पायलट संटर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में जुट गए हैं तो कुछ ने वालेंटियर रिटायरमेंट की ठान ली है. गौरतलब है कि ज्यादा लोकी पायलट संटरों की तबादला डोंगापोषी और गुरुली जैसा जगह पर हुई है. इन दो जगहों को रेल कर्मचारियों के लिए पनिशमेंट का जगह कहा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार तबादले होने वाले लोको पायलट संटर के सूची में ज्यादातर कर्मचारी ऐसे हैं जो की 15 से 20 सालों तक एक ही जगह पर जमे हुए हैं. कुछ की तो नौकरी खत्म होने में दो से तीन साल ही समय बचा हुआ है. हालांकि तबादले होने वाले सभी 155 लोको पायलट संटर को रेलवे विभाग ने पदोन्नति देते हुए सभी को ट्रेन चालक बना दिया है. लेकिन रेलवे प्रशासन के द्वारा दिये गये इस तोहफे को लोको पायलट संटर आसानी से अपना नहीं पा रहे हैं. लेकिन रेलवे द्वारा लिए गए इस फैसले से रेलमंडल के रेल कर्मियों के बीच अलग-अलग चर्चाएं सामने आ रही हैं.
कुछ रेल कर्मचारियों की मानें तो अगर रेलवे विभाग की इन लोको पायलट संटरों को तबादला करना ही था तो तबादला करने में इतना वक्त क्यू लगा दिया. कुछ के मन में एह सवाल भी है कि रेलवे प्रशासन को इन लोको पायलट संटरों के हुनर के बारे में जानकारी प्राप्त करने में इतना वक्त क्यू लग गया.
क्या रेलवे को लंबे समय के बाद आज पता चल रहा है कि इन लोको पायलट संटरों में भी ट्रेन चालक बनने की काबिलियत है. इन तरह तरह की बातों ने पिछले तीन चार दिनों से माहौल को गर्म कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि तबादला होने वाले सभी लोको पायलट संटर इलेट्रिक इंजन संटर हैं. लेकिन इनके तबादले होने से रेलमंडल के करीब दो दर्जन डीजल लोको पायलट संटरों की नींद उड़ गई है. उन्हें डर है कि कहीं अगली बारी उनकी तो नहीं है. ज्ञात हो की तबादले होने वाले सभी लोकों पायलट संटर अभी भी प्रयासरत हैं कि किस तरह वे अपने अपने तबादले का निर्देश को रद्द करवा पाएं.