मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ- बेरोजगारी का दंश और ऊपर से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के व्यंग ने छात्रों को तीर की तरह घायल कर दिया है। दरअसल बेरोजगार छात्र परिवहन निगम में नौकरी की गुहार लगा रहे थे। इधर कुछ दिन पूर्व ही संविदा चालकों के लिए परिवहन निगम ने विज्ञापन निकाला था। छात्र प्रदर्शन कर रहे थे कि उनको नौकरी करने का मौका दिया जाए।
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लेकिन छात्रों के प्रदर्शन से नाराज परिवहन मंत्री ने कहा कि हमारी तरह नेता बन जाओ, सांसद-विधायक बनो, मंत्री बन जाओ। नौकरी छोड़ दो। आप लोगों को क्या लगता है कि इस तरह धरना देने से नौकरी मिल जाएगी। अगर नौकरी दे भी दें तो आप लोग नौकरी में भी ऐसे ही धरना-प्रदर्शन और नेतागिरी करोगे। दरअसल परिवहन विभाग में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी को लेकर काफी समय से धरना चल रहा है। मंगलवार की रात में धरना कर रहे छात्र मंत्री आवास पहुंच कर उनसे मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे। लेकिन मंत्री जी बिगड़ गए और छात्रों को खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया।
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पता चलेगा कितने लोग को मिल रही है नौकरी
मंत्री ने कहा कि हमसे वार्ता करना ही था तो चार-पांच लोग आते मिलकर बात कर लेते। आप लोग अनुशासन में रहना सीखें पहले। जुलाई में लिस्ट आएगी और देखेंगे कितने लोग को नौकरी मिलती है। हमारा विभाग फायदे में है, जुलाई में कैबिनेट का फैसला होगा। हम अपने मन से थोड़े कुछ कर सकते हैं।
8 साल में 1000 मृतक आश्रित
योगी सरकार के दौरान आठ साल में करीब 1000 लोग मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए परेशान हैं। पिछले छह सालों में करीब 988 लोगों की मौत हुई है और अब उनके परिजन नौकरी के लिए भटक रहे हैं।
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