जीतेन्द्र सिन्हा, गरियाबंद। गरियाबंद में फिंगेश्वर क्षेत्र के लचकेरा गांव में मानसून का पैग़ाम लेकर हजारों की संख्या में एशियन ओपन बिल स्ट्रोक पक्षी सात समुंदर पार पहुंच चुके हैं. गांव के हर पेड़ पर पक्षियों का बसेरा है. पक्षियों को ग्रामीण अपना परिवार मानते हैं. यही वजह है कि नुकसान पहुंचाने वाले के लिए 10 हजार रुपए का दंड रखा गया है, वहीं इस बात की जानकारी देने वाले के लिए हजार रुपए इनाम रखा गया है. इसे भी पढ़ें : जंगल में पेड़ काटकर आदिवासी किसान सैनिकों ने बना ली झोपड़ी, वन अमले ने पहले पकड़ा फिर समझाइश देकर छोड़ा…
गांव वालों का इन विदेश पक्षियों के प्रति कितना लगाव है कि वे गांव में मोबाइल टॉवर भी लगने नहीं देते. इन पक्षियों के आते ही क्षेत्र में किसानी कार्य शुरू हो जाता है. यह पक्षी साइबेरिया से लाखों मील का सफर कर गांव में प्रजनन के लिए पहुंचते हैं. अंडों से बच्चों के निकलने के बाद जब उड़ने लग जाते है, तब ये पक्षी वापसी करते हैं. यह पक्षी केवल भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, चीन, मलेशिया, म्यामार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैण्ड में भी अपना घरौंदा बनाते हैं.
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